मैंने लोगों के लिए सामाजिक कार्य किए, तब कभी भी पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित सम्मान के बारे में सोचा भी नहीं था। मेरे कार्य और जिले को सम्मान देने के लिए वर्तमान सरकार का हार्दिक आभार — डॉ. रामकुईवांगबे जेने
असम के दीमा हसाओ जिले के निवासी 75 वर्षीय रामकुईवांगबे जेने को वर्ष 2023 के लिए पद्मश्री सम्मान दिया जा रहा है। श्री जेने नागा हैं। उन्हें सामाजिक कार्य (संस्कृति) के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन जागरुकता के माध्यम से हेराका संस्कृति के रक्षण, संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित कर दिया है। वे पांच दशक से हेराका संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
हेराका आस्था समूह की स्थापना नागा आध्यात्मिक मार्गदर्शक और मणिपुर के एक राजनीतिक कार्यकर्ता हाइपो जादानंग ने की थी। यह समूह टिंगकाओ रंगवाग नाम के एक सर्वोच्च देवता के अस्तित्व पर जोर देती है। डॉ. जेने ने ‘टिंगवांग हिंगडे’ के प्रतिलेखन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसे हेराका संस्कृति के धार्मिक पाठ के रूप में जाना जाता है। उन्हें जानने वालों के बीच उन्हें हीरो आफ हेराका के नाम से भी जाना जाता है।
हेराका आस्था समूह की स्थापना नागा आध्यात्मिक मार्गदर्शक और मणिपुर के एक राजनीतिक कार्यकर्ता हाइपो जादानंग ने की थी। यह समूह टिंगकाओ रंगवाग नाम के एक सर्वोच्च देवता के अस्तित्व पर जोर देती है।
डॉ. जेने महिलाओं की शिक्षा और उनके उत्थान के प्रबल पक्षधर हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए 10 विद्यालयों की स्थापना की है।
डॉ. जेने ने अपनी शुरुआती करियर में स्वतंत्रता सेनानी रानी मां गाइडिन्ल्यू के व्यक्तिगत सहायक के रूप में भी काम किया है। इस कारण वे रानी मां गाइडिन्ल्यू के बहुत खास लोगों में गिने जाते रहे। अपने मधुर व्यवहार के कारण वे न केवल अपने समुदाय में बल्कि दीमा हसाओ में रहने वाले सभी समुदायों में अत्यंत लोकप्रिय हैं।
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