इस बार एयरो इंडिया में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) स्वदेशी रूप से विकसित उत्पादों और प्रौद्योगिकियों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित करेगा। डीआरडीओ ने 14वें एयरो इंडिया के दौरान स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों को पेश करने की योजना बनाई है। इसके अलावा इंडियन पवेलियन में कई प्रदर्शनियां, उड़ान प्रदर्शन और सेमिनार भी होंगे, जिनमें भारत के रक्षा उद्योग भागीदार होंगे।
एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ इस बार 13 से 17 फरवरी तक बेंगलुरु के येह्लंका वायु सेना स्टेशन पर लगेगी। पांच दिवसीय प्रदर्शनी में भारतीय वायु सेना के हवाई प्रदर्शन के साथ-साथ प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा व्यापार का तालमेल देखने को मिलेगा। देश में रक्षा अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाने के मकसद से डीआरडीओ ने 14वें एयरो इंडिया के दौरान स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों का प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।
इंडियन पवेलियन में एयरोनॉटिकल सिस्टम्स, मिसाइल्स, आर्मामेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस और कम्प्यूटेशनल सिस्टम्स, सोल्जर सपोर्ट टेक्नोलॉजीज, लाइफ-साइंसेज, नेवल एंड मैटेरियल साइंस सहित अन्य उत्पादों का प्रदर्शन किया जायेगा। डीआरडीओ अपने पवेलियन में 330 से अधिक उत्पादों का प्रदर्शन करेगा, जिनमें लड़ाकू विमान और यूएवी, मिसाइल और सामरिक प्रणाली, इंजन और प्रणोदन प्रणाली, हवाई निगरानी प्रणाली, सेंसर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार प्रणाली, पैराशूट और ड्रॉप सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग और साइबर शामिल हैं।
मेगा शो में स्वदेशी मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस क्लास यूएवी तापस अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा। यूएवी तापस 18 से अधिक घंटे तक 28 हजार फीट की ऊंचाई पर काम करने में सक्षम है। डीआरडीओ इस आयोजन के दौरान दो सेमिनार भी आयोजित करेगा, जिसमें भारतीय वायु सेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के कई प्रतिष्ठित मुख्य वक्ता एयरोस्पेस और रक्षा में अत्याधुनिक तकनीकों और उन्नति के बारे में जानकारी देंगे। संगोष्ठी के दौरान विमानन और एयरोस्पेस की भारतीय महिला पेशेवरों को सम्मानित किया जाना है।
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