भारत को तोड़ने की मंशा पाले तत्व कभी जनजातियों से कहते हैं कि तुम लोग हिंदू नहीं हो, तो कभी बंजारों, कभी भीलों और अन्य जातियों को भड़काते हैं। पर ये लोग किसी के बहकावे में न आएं और गर्व से कह सकें कि वे हिंदू हैं
सनातन धर्म के अनुयायियों को कभी जाति, कभी भाषा, तो कभी क्षेत्र के नाम पर विभाजित करने के प्रयास होते रहते हैं, ताकि भारत कमजोर हो। भारत को तोड़ने की मंशा पाले तत्व कभी जनजातियों से कहते हैं कि तुम लोग हिंदू नहीं हो, तो कभी बंजारों, कभी भीलों और अन्य जातियों को भड़काते हैं। पर ये लोग किसी के बहकावे में न आएं और गर्व से कह सकें कि वे हिंदू हैं, इसके लिए गत दिनों जलगांव (महाराष्ट्र) जिले के गोद्री में बंजारा, लबाना और नायकड़ा समाज का कुंभ आयोजित हुआ। इसमें इन समुदायों के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कुंभ में लोगों ने संकल्प लिया कि वे हिंदू हैं और हिंदू ही रहेंगे। कुंभ में जैसी भीड़ जमा हुई, उसे देखकर वक्ताओं ने कहा कि यहां सनातन शक्ति का साक्षात्कार हो रहा है।
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में गोर बंजारा और इसी तरह के अन्य हिंदू समुदायों के सामने अनेक चुनौतियां आई हैं। ईसाई तत्वों ने यह दुष्प्रचारित किया है कि बंजारे हिंदू नहीं हैं, बल्कि गोर मत के अनुयायी हैं। इसके साथ ही ये तत्व तेलंगाना, विदर्भ, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के अनेक हिस्सों में बहुत तेजी से हिंदुओं का कन्वर्जन कर रहे हैं। इन सबको देखते हुए बंजारा समुदाय के पूज्य संतों और अन्य प्रभावशाली लोगों ने इस कुंभ की पहल की।
अंग्रेजों से लिया लोहा
1857 में बंजारों ने सहारनपुर जिले में अंग्रेजों को ललकारा था। ये लोग फुटुवा गांव में जमा होते थे और रणनीति बनाते थे। 17 जुलाई, 1857 को बंजारों ने गंगा पार कर रॉबर्टसन और उसके साथियों पर हमला कर दिया। इसके बाद अंग्रेजों ने बंजारों को खूब खोजा, लेकिन वे नहीं मिले। इससे चिढ़कर अंगेजों ने फुटुवा गांव को जला दिया।
कुंभ को संबोधित करते हुए हिंदू भूषण श्याम जी महाराज ने कहा कि कुछ देश-विरोधी तत्व हिंदू समाज को बांटकर भारत के टुकड़े करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। इसका एक मात्र समाधान है संगठित हिंदू समाज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री भैयाजी जोशी ने कहा कि समाज जब निद्रा अवस्था में जाता है और अपना कर्तव्य भूल जाता है, तब संत हमें जागृत करते हैं। जागरण की यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संगठन के बिना शक्ति नहीं होती। हमें जागृत भी होना है और संगठित भी होना है। पोशाकें भिन्न हों, पूजा पद्धतियां भिन्न हों, लेकिन अंत:करण से हम सब एक यानी हिंदू ही हैं। कुंभ में लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति के लिए जाति और क्षेत्रवाद को दूर रखना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हिंदुओं का कन्वर्जन करने में लगे हैं, इन्हें रोकना होगा। कन्वर्जन को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ा कानून बनाया है।
भारत सनातन धर्म से ही चल रहा है। सनातन धर्म का अर्थ है मानवता। प्रख्यात योग गुरु स्वामी रामदेव ने कुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि संतों में, माता-पिता में और कण-कण में भगवान को देखना चाहिए। जो लोग हिंदू धर्म पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हैं, वे हिंदू धर्म को नहीं जानते। रायसिंह जी महाराज ने कहा कि हम सब वैदिक समाज, संस्कृति और धर्म की रक्षा करने के लिए तैयार रहें। यशवंत जी महाराज ने कुंभ का विरोध करने वालों को प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि हमें एकत्र होना होगा। हमारी एकता जरूरी है। नरोत्तम स्वामी जी ने कहा कि बंजारा समाज भगवान राम और कृष्ण का सेवक है। कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रतापराव ने कहा कि अपनी संस्कृति और स्वाभिमान का जागरण करें। गोपाल चैतन्य जी महाराज ने कहा कि संत और सद्गुरु की शरण में जाइए। वे आपको सनातन धर्म की महिमा बताकर आपका मार्गदर्शन करेंगे।
कुंभ में पोहरागढ़ के महंत जितेंद्र महाराज ने कहा कि गोर बंजारा समाज हिंदू धर्म का अविभाज्य हिस्सा है और हम सब सनातनधर्मी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘बामसेफ’ जैसे संगठन जान-बूझकर समाज में भ्रम पैदा कर रहे हैं, उनसे दूर रहने की आवश्यकता है। अखिल भारतीय सह धर्मजागरण प्रमुख श्री श्यामजी हरकरे ने कहा कि यदि एक हिंदू किसी अन्य मत को अपनाता है, तो मानो देश का एक दुश्मन बढ़ता है।
यह कुंभ हिंदू परंपरा की कार्यशाला है। संत गोविंददेव गिरीजी महाराज ने कहा कि संतों ने देश में धर्म को जीवंत रखा है। मिशनरियों के चंगुल में न फंसें। जो लोग हमें हिंदुओं से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे सावधान रहिए। श्रीराम ने वनवासियों को गले लगाया। हम हिंदू रहेंगे और औरों को भी हिंदू रखेंगे। – महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज
उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी हिंदू कम हुए हैं, वहां समस्या पैदा होती है, देश का वह हिस्सा कट जाता है। इसलिए घरवापसी बहुत आवश्यक है। संत गोपाल चैतन्य महाराज ने कहा कि अपने बच्चों को ऐसे विद्यालयों में भेजें, जहां हिंदू संस्कार दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि धर्म ही हमारा प्राण है और गुरु का हाथ पकड़कर हमें धर्म की रक्षा करनी है।
संत बाबूसिंह महाराज ने कहा कि इस कुंभ के लिए संतों ने चार महीने तक गांव-गांव जाकर लोक जागरण किया। विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री विनायकराव देशपांडे ने कहा कि जाति के नाम पर हिंदुओं के बीच संघर्ष पैदा करने के प्रयास हो रहे हैं। इसलिए आगामी जनगणना में अपना धर्म ‘हिंदू’ लिखें। महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि यह कुंभ हिंदू परंपरा की कार्यशाला है। संत गोविंददेव गिरीजी महाराज ने कहा कि संतों ने देश में धर्म को जीवंत रखा है। मिशनरियों के चंगुल में न फंसें। जो लोग हमें हिंदुओं से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे सावधान रहिए। श्रीराम ने वनवासियों को गले लगाया। हम हिंदू रहेंगे और औरों को भी हिंदू रखेंगे।
इस कुंभ के लिए संतों ने चार महीने तक गांव-गांव जाकर लोक जागरण किया। विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री विनायकराव देशपांडे ने कहा कि जाति के नाम पर हिंदुओं के बीच संघर्ष पैदा करने के प्रयास हो रहे हैं। इसलिए आगामी जनगणना में अपना धर्म ‘हिंदू’ लिखें।– संत बाबूसिंह महाराज
कुंभ के दौरान दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गए। इन प्रस्तावों को डॉ. मोहन सिंह चव्हाण ने रखा। एक प्रस्ताव में कहा गया है कि बालाजी, जगदंबा और भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर गांव-गांव में होंगे। हर परिवार सुबह-शाम मंदिर में जाए, यह भी परंपरा बने। दूसरे प्रस्ताव में बंजारों की भाषा ‘गोरमाटी’ के संरक्षण और संवर्धन पर बल दिया गया।
बता दें कि इससे पहले 2006 में गुजरात में शबरी कुंभ और 2020 में मध्य प्रदेश में नर्मदा कुंभ का आयोजन हुआ था। उम्मीद की जानी चाहिए कि अन्य कुंभों की तरह बंजारा कुंभ भी सनातन शक्ति को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
टिप्पणियाँ