भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए। कैबिनेट ने दिवंगत अधिकारी-कर्मचारियों की विवाहित बेटी को भी अनुकंपा नियुक्ति देने को बड़ा निर्णय लिया। वहीं, राज्य सरकार ने बैगा-भारिया और सहरिया आदि जनजातीयों के लिए सीएम दुधारू गाय प्रदाय योजना शुरू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
बैठक के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति में केवल बेटों को ही पात्रता थी। विवाहित बेटी को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं था। कैबिनेट ने दिवंगत कर्मचारियों की बेटी को भी अनुकंपा दिए जाने को हरी झंडी दी है। बैठक में आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के अपर संचालक आरएस राठौर की पुत्री श्रद्धा मालवी प्रकरण में चर्चा के दौरान यह निर्णय लिया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ऐसे अन्य मामलों में मृतक अधिकारी-कर्मचारी की बेटी को अनुकंपा नियुक्ति के प्रस्तावों पर अमल करने के निर्देश दिए।
कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई गई भूमि पर शहरी क्षेत्रों में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 23 हजार एकड़ भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई जा चुकी है। सुराज नीति 2023 के अंतर्गत जब्त की गई जमीन पर क्रॉस सब्सिडी के माध्यम से प्राइवेट डेवलपर मकान बनाकर लगभग मुफ्त की कीमत में उपलब्ध कराएंगे। जमीन के कुछ हिस्से पर प्राइवेट डेवलपर कमर्शियल गतिविधि चलाएंगे और बाकी जमीन पर क्रॉस सब्सिडी के माध्यम से मकान बनाकर गरीबों को उपलब्ध कराएंगे। छोटे शहरों और गांवों में गरीबों को प्लॉट उपलब्ध कराए जाएंगे।
ये है गाय प्रदाय कार्यक्रम
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि मध्य प्रदेश के बैगा सहरिया और भारिया जनजाति की आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसमें गाय के साथ भैंस भी दी जाएगी। इन वर्ग के परिवार को दो जानवर उपलब्ध कराए जाएंगे। इनके गौमूत्र, गोबर से लेकर दूध को मार्केट उपलब्ध कराने के लिए बैंक लिंकेज की व्यवस्था की जाएगी। पशुओं के उत्पादों के मार्केट लिंकेज को सुनिश्चित किया जाएगा।
मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल में 37 पदों को स्वीकृति
इसके अलावा कैबिनेट द्वारा मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल में 37 पदों को स्वीकृति दी गई। इसका आर्थिक भार नर्सिंग काउंसिल उठाएगा। मप्र स्टेट डेटा सेंटर को तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने के साथ डिजास्टर रिकवरी साइट डवलप करने के लिए 161 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए भी उपयोगी होगा। देश में पंप हाइड्रोस्टोरेज परियोजना लागू करने पर काम हो रहा है। मप्र में भी इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। इंदौर में हुई इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों ने इसकी हामी भरी थी। इस क्षेत्र में काम करने के लिए नवकरणीय ऊर्जा विभाग पॉलिसी बना रहा है। मप्र हाईकोर्ट के परीक्षा सेल में 20 नए पदों को स्वीकृति दी गई।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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