उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाने पर दो आरोपियों सत्येंद्र कुशवाहा और सलीम पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980) लगा दिया है। दरअसल, रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता सतनाम सिंह लवी ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया था।
एडीसीपी (पूर्वी) सैय्यद अब्बास के मुताबिक जिला कारागार में बंद पीजीआई निवासी सलीम और सैनिक नगर निवासी सत्येंद्र के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी का राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा 3 की उपधारा 2 के अंतर्गत निरुद्ध किए जाने का आदेश रविवार रात को जिला कारागार लखनऊ में तामील कराया गया है। 29 जनवरी को थाना पीजीआई क्षेत्र में रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
एडीसीपी अब्बास ने कहा है कि ऐशबाग निवासी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्यसमिति के सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके फौरन बाद सैनिक नगर के सत्येंद्र कुशवाहा, आलमबाग के यशपाल सिंह लोधी, साउथ सिटी के देवेंद्र प्रताप यादव, बलदेव विहार तेलीबाग के नरेश सिंह और उतरेटिया के सलीम को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी दो लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। जल्द ही गिरफ्तार अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ भी यही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरित मानस को प्रतिबंधित करने की मांग की थी। उन्होंने इस धार्मिक ग्रंथ को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। इसके बाद अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान सलीम, सत्येंद्र कुशवाहा और अन्य 10 लोगों का रामचरितमानस की प्रतियां जलाते हुए वीडियो वायरल हुआ था।
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