नई दिल्ली। हत्या के प्रयास में दोषी ठहराए गए लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल को ट्रायल कोर्ट से मिली सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। केरल हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ लक्षद्वीप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सोमवार को केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष जल्द सुनवाई की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने अगले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया।
27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि लक्षद्वीप में चुनाव कराने की जरूरत नहीं है। निर्वाचन आयोग के इस बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद फैजल की याचिका का निस्तारण कर दिया। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका का निस्तारण करते हुए निर्वाचन आयोग से कहा कि केरल हाई कोर्ट द्वारा पूर्व सांसद को दोषी करार देने पर रोक लगाने के बाद अब आयोग नई परिस्थितियों के लिए मौजूदा नियमों के तहत आगे की कार्यवाही करेगा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से जुड़े फैजल को लक्षद्वीप के सेशन कोर्ट ने 11 जनवरी को 2017 के हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट से सजा मिलने के बाद 13 जनवरी को लोकसभा महासचिव ने उनकी अयोग्यता की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी कर दी। उसके बाद 18 जनवरी को निर्वाचन आयोग ने प्रेस नोट जारी करते हुए 27 फरवरी को उपचुनाव कराने की घोषणा कर दी। ट्रायल कोर्ट की सजा के खिलाफ फैजल ने केरल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। हाई कोर्ट ने पूर्व सांसद को मिली सजा पर रोक लगा दी।
लक्षद्वीप की लोकसभा सीट पर नहीं होगा उपचुनाव
चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप लोकसभा सीट पर उपचुनाव को टाल दिया है। आयोग ने 18 जनवरी को यहां उपचुनाव की घोषणा की थी। इस सीट से सांसद मोहम्मद फैजल को सत्र न्यायालय ने एक मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। सजा के चलते उन्हें अरोग्य ठहराया गया था और उनकी सीट रिक्त हुई थी। 25 जनवरी को केरल हाईकोर्ट ने उन्हें इस मामले में उनकी दोषसिद्धि और सजा को स्थगित कर दिया है। चुनाव आयोग के अनुसार इस मामले पर विचार करने के बाद और केरल उच्च न्यायालय के पारित आदेश को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने उपचुनाव को रोकने का फैसला किया है।
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