इंदौर। कोर्ट रूम (सुनवाई) का वीडियो बनाने वाली महिला सोनू मंसूरी को रविवार को अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा है। सोनू ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई समर्थकों के नाम कबूले हैं। जिसमें वकील और कुछ अन्य लोग शामिल हैं। महिला के पास से मिले रुपये वकील नूरजहां द्वारा भिजवाए गए थे, जिसे एक अस्पताल में भिजवाना था।
दरअसल, इंदौर में 25 जनवरी को फिल्म पठान का विरोध कर रहे हिंदू संगठन के सात पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। शनिवार को पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश किया। मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट परिसर से अधिवक्ता की ड्रेस में पहुंची महिला को गिरफ्तार किया है। वह भोपाल से आई वकील के कहने पर कोर्ट रूम और प्रोसीडिंग के दस्तावेजों की वीडियो-फोटो बना रही थी। पुलिस के सामने महिला ने माना कि वह ये वीडियो प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के लिए जुटा रही थी। ऐसा करने के लिए उसे महिला वकील ने ही कहा था।
एमजी रोड थाना प्रभारी संतोष सिंह यादव ने बताया कि सोनू ((42) ) पुत्री सुपडू मंसूरी निवासी कसरावद जिला खरगोन को शनिवार दोपहर जिला कोर्ट से पकड़ा था। सोनू स्वयं को वकील बताकर हिंदू संगठन से जुड़े तन्नू शर्मा की जमानत पर चल रही बहस का वीडियो बना रही थी। उसके पास से पुलिस ने एक लाख 26 हजार रुपये भी जब्त किए। रविवार को पुलिस ने सोनू को जिला अदालत में पेश किया और रिमांड की मांग की। अदालत ने उसे तीन दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा है।
महिला ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह देवास के शासकीय विधि कालेज में तीसरे वर्ष की छात्रा है। कुछ महीनों से वकील नूरजहां के साथ काम कर रही थी। सनद न मिलने के बाद भी सोनू वकील बनकर कोर्ट में पेश होती थी। उसने रुपयों के बारे में बताया कि नूरजहां का फोन आया था। उसने कहा था कि एक व्यक्ति रुपये देकर जाएगा। उससे रुपये लेने के बाद अस्पताल में भिजवा देना। नूरजहां निजी अस्पताल में उसका इंतजार कर रही थी। पुलिस अब उस व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, जिसने सोनू को रुपये दिए थे। जांच में शामिल एक अफसर के मुताबिक सोनू एक महिला वकील से जुड़ी है जो सिमी और पापुलर फ्रंट आफ इंडिया(पीएफआई) के सदस्यों की मदद करती है। महिला उन सभी आरोपितों के केस भी लड़ती हैं जो मुस्लिम समुदाय से जुड़े होते हैं और विधि विरुद्ध क्रिया कलापों में शामिल रहते हैं।
थाना प्रभारी के मुताबिक रविवार होने के कारण युवती से जब्त दस्तावेजों की प्रमाणिकता नहीं कर पाए हैं। वकील नूरजहां से भी पूछताछ की जाएगी। पुलिस के मुताबिक महिला के फोन में कई वीडियो मिले हैं। वह मुस्लिम समुदाय के उन लोगों का भी वीडियो बना रही थी, जिन्हें सदर बाजार और खजराना पुलिस द्वारा कोर्ट लाया गया था। वीडियो में वकीलों को आक्रोशित होते हुए रिकार्ड किया गया था। उसने कोर्ट की उस प्रोसीडिंग को भी रिकार्ड कर लिया जिसमें हिंदू संगठन के लोगों की जमानत पर बहस चल रही थी। पुलिस अब इस बात की पुष्टि कर रही है कि युवती ने सिर्फ नूरजहां के कहने पर यह काम किया या पर्दे के पीछे कोई और भी है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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