जयपुर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान की ओर से जयपुर स्थित परिष्कार कॉलेज में देश के प्रख्यात साहित्यकार और अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संस्थापक सदस्य डॉ मथुरेश नंदन कुलश्रेष्ठ का अभिनंदन किया गया। राजस्थान के विभिन्न जिलों से वरिष्ठ साहित्यकारों की उपस्थिति में यह अभिनंदन समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं भारत माता के चित्र के समक्ष माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। डॉ मंजू लता भट्ट ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के प्रदेश महामंत्री डॉ केशव शर्मा ने किया।
परिषद के संरक्षक राम लक्ष्मण गुप्त ने बहुत ही सरल रूप में डॉ मथुरेश नंदन जी कुलश्रेष्ठ के साथ उनके 66 वर्षों के विभिन्न संस्मरण का उल्लेख किया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के अध्यक्ष डॉ अन्नाराम शर्मा ने डॉ कुलश्रेष्ठ के लेखन कार्य को भारतीय काव्यशास्त्र के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर एन के पांडे ने कहा कि डॉ कुलश्रेष्ठ ने संगठन और लेखन में अद्भुत ताल में बिठाया। उनके लेखन में भारतीय बोध के स्वर प्रबल हैं। कार्यक्रम के मध्य डॉ मथुरेश नंदन कुलश्रेष्ठ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के ऊपर लिखी गई पुस्तक का लोकार्पण एवं विमोचन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रदेश अध्यक्ष डॉ अन्नाराम शर्मा, परिषद के संरक्षक राम लक्ष्मण गुप्त, जयपुर महानगर की महामंत्री वीणा चौहान, ओम प्रकाश भार्गव जयपुर प्रांत अध्यक्ष रहे एवं अध्यक्षता प्रोफेसर एन के पांडे डीन एवं विभागाध्यक्ष राजस्थान विश्वविद्यालय एवं पूर्व निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा ने की। कार्यक्रम में डॉक्टर कुलश्रेष्ठ को दिए जाने वाले अभिनंदन पत्र का वाचन राजस्थान विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सह आचार्य डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम की पृष्ठभूमि वीणा चौहान द्वारा प्रस्तुत की गई।
कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं डॉ कुसुम शर्मा मणिपाल विश्वविद्यालय, विष्णु शर्मा हरिहर कोटा, डॉ ओम प्रकाश पारीक जयपुर, कुसुम शर्मा अदिति, सुभाष कौशिक, ओम प्रकाश भार्गव कोटपूतली, डॉ संगीता सक्सेना, डॉ विपिन चंद्र, क्षेत्रीय संगठन मंत्री, अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान जयपुर, डॉ कंचना सक्सेना पूर्व प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय, डॉ ममता जोशी उदयपुर शिव शंकर सुमन झालावाड़ द्वारा डॉ मथुरेश नंदन कुलश्रेष्ठ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में संस्मरणों से अवगत करवाया गया।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय साहित्य परिषद न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं परिषद की साहित्य परिक्रमा के संपादक डॉ इंदु शेखर तत्पुरुष, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री शैलेंद्र जोशी, विकास बागड़ा जयपुर सहित अनेको वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित हुए। द्वितीय सत्र का संचालन शिवानी शर्मा ने किया। परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष इंद्र कुमार भंसाली ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ संपन्न हुआ।
टिप्पणियाँ