भारत के अमृत काल का आरंभ हो चुका है। 2022 से 2047 के इन 25 वर्ष में हमारा यह देश बहुत से परिवर्तनों की यात्रा तय करने वाला है। इसी अमृत काल की परिकल्पना को समझने के लिए यूट्यूब चैनल ‘जम्बू टॉक्स’ पर एक विमर्श संगम का आयोजन किया गया। विमर्श का विषय था-‘अमृत काल में जम्बूद्वीप : दिव्य भव्य भारत।’ इस पांच दिवसीय आयोजन में 50 से भी अधिक वक्ताओं ने 32 सत्रों में अपने विचार रखे।
वक्ताओं ने ‘गोदी मीडिया को दफनाती मोदी सरकार’, ‘धर्मदण्ड की राजनीति’, ‘संघ को हिंदुत्व सिखाते नवहिन्दुत्ववादी’, ‘उभरता भारत, बिखरता चीन’ जैसे विषयों को सम्मिलित करते हुए इतिहास, दर्शन, वैश्विक भू-राजनीति, समरनीति, अर्थनीति, साहित्य, स्त्री विमर्श, मजहबी उन्माद जैसे बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
वक्ताओं में प्रमुख रूप से पद्मश्री मालिनी अवस्थी, गोलोक बिहारी, प्रो. रामेश्वर मिश्र ‘पंकज’, प्रो. कुसुमलता केडिया, रतन शारदा, प्रफुल्ल केतकर, राजीव तुली, अशोक श्रीवास्तव, शेफाली वैद्य, नीरज अत्रि, डी. के. दुबे, चेतन राजहंस, सद्गुरु चारुदत्त पिंगले, रमेश शिंदे, संदीप देव, शान्तनु गुप्ता, डॉ. सतीश पूनिया, संदीप सिंह, रमणीक सिंह मान, डॉ ओमेंद्र रत्नू, प्रो. कपिल कुमार, नीलेश ओक, आदित्य सत्संगी, डॉ. शैलेन्द्र सिंह, अनुज धर, स्वाति गोयल शर्मा, मधु किश्वर, अनुराग सक्सेना, मेजर जनरल अनुज माथुर, रति हेगड़े आदि शामिल थे।
इस विशेष विमर्श संगम को विश्वभर में लाखों लोगों ने देखा एवं अपने सुझाव भी साझा किए। बता दें कि जम्बूद्वीप की संकल्पना हमारे शास्त्रों में विशिष्ट रूप से प्राप्त होती है और इसे ही मूर्त रूप प्रदान करने के लिए इस प्रकार के आयोजनों की अधिकाधिक आवश्यकता है। यूट्यूब चैनल ‘जम्बू टॉक्स’ का संचालन जयपुर के निवासी निधीश गोयल करते हैं।
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