केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री की जय जवान-जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान की अवधारणा के अनुरूप अमृत काल के 25 वर्षों में भारत विज्ञान और तकनीक के दम पर दुनिया में अग्रणी देश होगा। केन्द्रीय मंत्री तोमर मंगलवार को भोपाल में आयोजित 8वें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत को जो स्थान प्राप्त हुआ है, उसमें विज्ञान की अहम भूमिका रही है। आज खेती-किसानी के क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का महत्व बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान में रिसर्च को महत्व दिया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने विज्ञान को प्राथमिकता दी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में विज्ञान का बजट 2 हजार करोड़ था, जिसे अब बढ़ाकर 6 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने महोत्सव की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं और विद्यार्थियों को विज्ञान से जोड़ने, रूचि लेने और उनमें वैज्ञानिक जागरूकता पैदा करने में सहायक बनते हैं।
मध्यप्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि इस बार जनवरी का महीना प्रदेश के लिए बहुत उत्साहवर्धक रहा है। ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट से लेकर विज्ञान महोत्सव जैसे आयोजन हुए। केंद्र सरकार ने विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश के साथ ही सभी प्रदेशों की राज्य सरकारों को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने महोत्सव में स्टार्टअप कॉन्क्लेव की चर्चा करते हुए कहा कि यह प्रयास पूरे देश को एक नई दिशा देने वाला साबित होगा।
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ.एस. चन्द्रशेखर ने कहा कि विज्ञान की कोई सीमा नहीं है। यह सभी के लिए है। कोविड-19 के दौर में चिकित्सा विज्ञान में हुई रिसर्च ने इस बात को साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम ‘’वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान’’ चुनी गई है।
इसरो के चेयरमेन डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी से ही भारत को शक्तिशाली बनाया जा सकता है। विज्ञान का उद्देश्य समाज को सुखी एवं समृद्ध बनाना है। भारत ने विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान किया है। परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित विशिष्ट व्यक्तियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किया। विज्ञान भारती के जनरल सेक्रेटरी प्रो. सुधीर एस. भदौरिया ने भी संबोधित किया।
इन्सा के ईडी डॉ. अरविन्द रानाडे ने आठवें विज्ञान महोत्सव की रिपोर्ट में बताया कि लगभग ढाई लाख आम लोगों ने साइंस एक्सपो का अवलोकन किया। आठवें आयोजन में एक साथ 1484 बच्चों ने एक साथ एग्रोरोबोट असेम्बल कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया।
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