भाग 2 : 26 जनवरी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
Saturday, January 28, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • My States
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • My States
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

भाग 2 : 26 जनवरी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

डॉ. श्रीरंग गोडबोले by डॉ. श्रीरंग गोडबोले
Jan 25, 2023, 06:00 am IST
in भारत, संघ
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

अनेक वर्षों तक अंग्रेजों से दलील, दया-याचिका देने और डोमेनियन स्टेटस के विचार को स्वीकार करने के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आखिरकार दिसंबर 1929 के अपने लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ को अपना ध्येय निश्चित किया। कांग्रेस ने निश्चित किया कि 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ (पूर्ण स्व-शासन का दिन) के रूप में मनाया जाना चाहिए। यह समाचार उन सभी देशभक्तों के लिए आनंददायी था जो पहले से ही इस ध्येय के पक्षधर थे। ऐसे ही एक देशभक्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(संघ) के निर्माता डॉ केशव बलिराम हेडगेवार थे।

छब्बीस जनवरी से संघ का पुराना संबंध

डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार प्रारंभ से ही देश की पूर्ण स्वतंत्रता के समर्थक थे। क्रांतिकारी मार्ग पर चलते हुए हिंदू महासभा और कांग्रेस में कार्य करते हुए वे हिंदू संगठन के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण करने का संकल्प ले चुके थे। इस दूरदर्शितापूर्ण सोच के साथ ही उन्होंने 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। यह देखकर वे स्वाभाविक रूप से आनंदित हुए कि अंततः कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता का लक्ष्य स्वीकार कर लिया था। डॉ. हेडगेवार का हमेशा यह विचार हुआ करता था कि संघ के स्वयंसेवकों ने अपनी अलग पहचान न जताते हुए समाज के घटक के नाते किसी भी राष्ट्रीय कार्य में जुट जाना चाहिए। इस मूलभूत विचार के अनुसार उन्होंने संघ को किसी राष्ट्रीय आंदोलन में एक पृथक संगठन के नाते कभी नहीं उतारा। लेकिन कांग्रेस के इस निर्णय से वे इतने आनंदित हुए कि उन्होंने अपने ही इस नियम का अपवाद किया और कांग्रेस के प्रस्ताव का एक संगठन के तौर पर अभिनंदन किया। 21 जनवरी 1930 को डॉक्टर जी ने संघ को निम्नलिखित पत्रक जारी किया, “इस वर्ष कांग्रेस का ध्येय पूर्ण स्वतन्त्रता निश्चित हो जाने के कारण कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने घोषणा की है कि रविवार 26 जनवरी, 1930 हिन्दुस्थान-भर में ‘स्वतन्त्रता दिवस’ के रूप में मनाया जाएय। अखिल भारतीय राष्ट्रीय सभा ने अपना स्वतन्त्रता का ध्येय स्वीकार किया है, यह देखकर अपने को अत्यानन्द होना स्वाभाविक है। वह ध्येय अपने सामने रखने वाली किसी भी संस्था के साथ सहयोग करना अपना कर्त्तव्य है… अतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सब शाखाएँ रविवार, दिनांक 26 जनवरी, 1930 को सायंकाल ठीक छह बजे अपने संघस्थान पर शाखा के सभी स्वयंसेवकों की सभा करके राष्ट्रीय ध्वज अर्थात् भगवा झण्डे का वन्दन करें। व्याख्यान के रूप में स्वतन्त्रता की कल्पना तथा प्रत्येक को यही ध्येय अपने सामने क्यों रखना चाहिए, यह विशद करके बतायें और कांग्रेस के द्वारा स्वतंत्रता के ध्येय का पुरस्कार करने के लिए अभिनंदन का समारोह पूरा करें”
(संघ अभिलेखागार, हेडगेवार प्रलेख, A Patrak by Dr. Hedgewar to the swayamsevak – 21 Jan 1930)।

कोई भी काम सुव्यवस्थित करनेवाले डॉक्टरजी पत्रक के अंत में लिखना नहीं भूले, “समारोह की एक रिपोर्ट लिखी जानी चाहिए और हमें तुरंत भेजी जानी चाहिए”। परिणामस्वरूप संघ द्वारा उस काल में विभिन्न स्थानों पर किए गए समारोहों का विवरण देने वाले रजिस्टर आज भी उपलब्ध हैं। उस समय संघ का अधिकांश काम मराठी-भाषी मध्य प्रांत के नागपुर, वर्धा, चांदा (वर्तमान चंद्रपुर) और भंडारा जिलों में था। वऱ्हाड प्रान्त के अमरावती, बुलढाणा, अकोला और यवतमाल जिलों में संघ का काम नगण्य था।

26 जनवरी 1930 को डॉक्टरजी के निर्देश पर संघ की विभिन्न शाखाओं में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए और कांग्रेस का अभिनंदन करनेवाले प्रस्ताव पारित किए गए। रविवार, 26 जनवरी,1930 को नागपुर संघस्थान पर प्रातः 6 बजे से 7.30 बजे तक स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। एडवोकेट विश्वनाथराव केलकर की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में नारायणराव वैद्य ने मुख्य भाषण दिया। उपस्थित लोगों में डॉ. हेडगेवार के अलावा डॉ. परांजपे (जो आगे चलकर डॉक्टरजी के कारावास के समय सरसंघचालक बने), नवाथे, भंडारा संघचालक एडवोकेट देव, साकोली संघचालक एडवोकेट पाठक, सावनेर संघचालक अंबोकर सहित अन्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

चांदा कार्यक्रम

संघ द्वारा चांदा (वर्तमान चंद्रपुर, महाराष्ट्र ) में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह का कुछ विवरण एक बड़े चित्र की झलक देता है (संघ अभिलेखागार, हेडगेवार प्रलेख, रजिस्टर / रजिस्टर3 DSC_0044, DSC_0045)।
29 जनवरी, 1930 को चांदा संघ कार्यवाह रामचन्द्र राजेश्वर उपाख्य तात्याजी देशमुख ने डॉ. हेडगेवार को निम्नलिखित रिपोर्ट भेजी – “यहाँ की शाखा ने अपनी प्रेरणा से 26.1.30 को एक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया था। उसके पश्चात् आपका पत्र आया। तदनुसार, स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।

1. तालुका कांग्रेस सचिव के अनुरोध पर सुबह 8.45 बजे संघ की यात्रा सैन्य अनुशासन के साथ संघस्थान से गांधी चौक तक निकली और वहां तिरंगा फहराकर स्वयंसेवकों ने सैन्य सलामी दी। यात्रा संघस्थन पर आयी जहां भगवा ध्वज को सलामी दी गई,फिर सुबह का काम समाप्त हो गया।

2.कांग्रेस के जुलूस में भाग लेने और संकल्प के समय कांग्रेस के साथ उपस्थित होने का संघ से अनुरोध किया गया था। लेकिन संघ के पदाधिकारियों ने तालुका कांग्रेस सचिव को सूचित किया कि संघ कांग्रेस के कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकता क्योंकि संघ का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था।

3.सायं4.30 बजे स्वतंत्रता दिवस के लिए निर्धारित कार्यक्रम संघ द्वारा खरीदे गए स्थल पर शुरू हुआ। केशवराव बोडके द्वारा हथियार कौशल, लाठीकाठी और सैन्य अभ्यास (मिलिट्री ड्रिल) का भी प्रदर्शन किया गया।

बाद में चालकों के आदेश पर देशमुख वकील (कार्यवाह) ने अगला प्रस्ताव रखा, फिर सटीक वाक्यों में भाषण दिया गया। उस प्रस्ताव पर भागवत वकील ने एक छोटा किन्तु सुन्दर भाषण दिया और उसका अनुमोदन किया। दोनों वक्ताओं ने कहा कि स्वतंत्रता की पुकार तभी सार्थक होगी जब युवाओं के मन में अनुशासन, व्यवस्था और निष्ठा पूरी तरह से समाहित कर दी जाए और वे उसके अनुसार कार्य करने में सक्षम हों और संघ इसके लिए पहले से ही तैयारी कर रहा है।

देशमुख ने प्रस्ताव पेश करते हुए साम्राज्य में स्वराज्य से लेकर आज कांग्रेस किस प्रकार स्वतंत्रता के लक्ष्य तक पहुंची, इसका इतिहास बताया। जब कांग्रेस में स्वतंत्रता का विचार पैदा भी नहीं हुआ था, तब संघ का लक्ष्य (मिशन) ‘ स्वतंत्रता ‘ तय किया गया था। कांग्रेस के उस प्रस्ताव में संघ को कुछ भी नया नहीं दिखता। पर वह राष्ट्रीय संस्था संघ के ध्येय तक आ पहुंची हैं। इसलिए स्वाभाविक रूप से संघ को आनंद होकर सहानुभूतिपूर्वक वह राष्ट्रीय सभा का अभिनंदन करता है। इस प्रकार का भाषण होने के बाद अध्यक्ष ने समापन का भाषण किया।

शाम ठीक 6 बजे संघ प्रार्थना के बाद समारोह का समापन किया गया। इस पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता (संघ)चालक ने की। 110 स्वयंसेवक उपस्थित थे। प्रस्ताव इस प्रकार है – “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रीय सभा की स्वतंत्रता के लक्ष्य तक पहुँचने पर राष्ट्रीय सभा को हार्दिक बधाई देता है और संघ के ध्येय एवं अनुशासन के बंधन में रहते हुए यदि संभव हो तो स्वतंत्रता के मार्ग में राष्ट्रीय सभा को सहयोग करने की इच्छा रखता है” ।ऊपर वर्णित ‘भागवत वकील’ और कोई नहीं,अधिवक्ता नारायण पांडुरंग उपाख्य नानासाहेब भागवत अर्थात वर्तमान सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के दादाजी!

विभिन्न स्थानों पर आयोजित कुछ घटनाओं का सारांश

संघ अभिलेखागार में उपलब्ध प्रलेखों के अनुसार विभिन्न स्थानों पर आयोजित कुछ घटनाओं का सारांश निम्नलिखित है, (संघ अभिलेखागार, हेडगेवार प्रलेख , रजिस्टर /रजिस्टर, 3 DSC_0043 to DSC_0047) –

छब्बीस जनवरी के दिन से, फिर वह स्वतंत्रता दिवस के रूप में जब मनाया जाता हो या फिर 1950 के बाद गणतंत्र दिवस के रूप में जब मनाया जाने लगा, संघ का पुराना और गहरा नाता है।
(समाप्त)

Topics: आरएसएस26 जनवरी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघगणतंत्र दिवसआजादी के आंदोलन में आरएसएसआजादी और संघ
ShareTweetSendShareSend
Previous News

लखनऊ में भूकंप का असर : 4 मंजिला पुरानी बिल्डिंग गिरी, कई परिवारों के दबे होने की आशंका

Next News

भारत की बढ़ती रक्षा आत्मनिर्भर क्षमता

संबंधित समाचार

विश्व कल्याण हेतु भारत को बनना होगा अग्रेसर : दत्तात्रेय होसबाले

विश्व कल्याण हेतु भारत को बनना होगा अग्रेसर : दत्तात्रेय होसबाले

विद्या धाम में फहराया गया देश की आन, बान और शान का प्रतीक ‘तिरंगा’

विद्या धाम में फहराया गया देश की आन, बान और शान का प्रतीक ‘तिरंगा’

अमेरिका में भारत के गणतंत्र दिवस पर वंदे मातरम की गूंज

अमेरिका में भारत के गणतंत्र दिवस पर वंदे मातरम की गूंज

मध्यप्रदेश : हवाई यात्रा से तीर्थ दर्शन कराएगी राज्य सरकार – मुख्यमंत्री

गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री चौहान का आह्वान, प्रदेश-देश की उन्नति में करें योगदान

26 जनवरी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

26 जनवरी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

संघ के 100 वर्ष पर चर्चा : संघ का लक्ष्य है सम्पूर्ण हिन्दू समाज को सक्षम बनाना – रवि कुमार

संघ के 100 वर्ष पर चर्चा : संघ का लक्ष्य है सम्पूर्ण हिन्दू समाज को सक्षम बनाना – रवि कुमार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

फन कुचलने का क्षण

फन कुचलने का क्षण

सेना की जीवन रेखा रेलवे

सेना की जीवन रेखा रेलवे

वैदिक स्वर और सनातन विचार है पाञ्चजन्य

वैदिक स्वर और सनातन विचार है पाञ्चजन्य

विश्व कल्याण हेतु भारत को बनना होगा अग्रेसर : दत्तात्रेय होसबाले

विश्व कल्याण हेतु भारत को बनना होगा अग्रेसर : दत्तात्रेय होसबाले

पीएम मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ का राज्यपाल ने किया विमोचन

पीएम मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ का राज्यपाल ने किया विमोचन

मौसम अपडेट : देश के कई हिस्सों में बारिश के आसार, 284 ट्रेनें रद

मौसम अपडेट : देश के कई हिस्सों में बारिश के आसार, 284 ट्रेनें रद

झारखंड : पश्चिम सिंहभूम में पुलिस को बड़ी सफलता, तीन नक्सली गिरफ्तार

झारखंड : पश्चिम सिंहभूम में पुलिस को बड़ी सफलता, तीन नक्सली गिरफ्तार

परीक्षा पे चर्चा : कुछ पाने के लिए शॉर्टकट रास्ता न अपनाएं – प्रधानमंत्री

परीक्षा पे चर्चा : कुछ पाने के लिए शॉर्टकट रास्ता न अपनाएं – प्रधानमंत्री

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 : इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज, पीएम मोदी बोले- एमपी अजब, गजब और सजग

परीक्षा पे चर्चा : पीएम मोदी आज लाखों स्टूडेंट्स को देंगे टिप्स, यहां देख सकेंगे लाइव

कोरोना के खिलाफ एक और हथियार, इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन इनकोवैक लॉन्च

कोरोना के खिलाफ एक और हथियार, इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन इनकोवैक लॉन्च

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • लव जिहाद
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies