आजकल बिहार में यह चर्चा आम है कि महागठबंधन के नेताओं की जुबान फिसल रही है या फिर किसी साजिश के तहत भारत की शांति—व्यवस्था को अशांत करने की कोशिश है हो रही है!
बिहार मेें अभी राजद नेता और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव की बदजुबानी का मामला गर्म ही था कि जदयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने देश के सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को हिंसा फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। इसके बाद पूरे देश में उनकेे विरुद्ध गुस्सा है। कई स्थानों पर चंद्रशेखर पर मुकदमे दर्ज हुए हैं। बिहार के कई जगहों पर उनके पुतले भी जलाए जा रहे हैं। लोग मांग कर रहे हैं उन्हें शिक्षा मंत्री के पद से हटाया जाए। पटना के महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने इस मामले में विद्वत गोष्ठी रखी। इसमें विद्वानों ने स्पष्ट किया कि रामचरितमानस में ऐसा कोई उद्धरण नहीं है। अब मंदिर से प्रकाशित होने वाले सुंदरकांड, हनुमान चालीसा जैसे ग्रंथों पर गोस्वामी तुलसीदास की मूल पंक्ति उद्धृत रहेगी। अभी बिहार के हिंदू रामचरितमानस के अपमान से उबरे भी नहीं थे कि गुलाम रसूल बलियावी ने 18 जनवरी को झारखंड के हजारीबाग में मुस्लिमों की एक सभा में पूरे शहर को कर्बला बना देने की धमकी दे दी। रसूल ने यह ‘शरारत’ उस समय की, जब नीतीश कुमार अरवल में अपनी समाधान यात्रा के दौरान रामचरितमानस विवाद पर पूर्ण विराम लगाने की कोशिश कर रहे थे। नीतीश कुमार ने रामचरितमानस विवाद पर कहा कि किसी भी मत—मजहब के मामले में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। सब अपने तरीके से मजहब का पालन करते हैं। सभी पत—पंथ के लोगों को इज्जत मिलनी चाहिए, जिसको जिनकी पूजा करनी है करे।
मुख्यमंत्री का बयान पूर्वाह्न में आया लेकिन इसी दिन अपराह्न में हजारीबाग में एक सभा हुई। वहां बरही के कर्बला मैदान में एदारा -ए -शरिया तहरीक -ए – बेदारी कांफ्रेंस हो रही थी। सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखते रखते गुलाम रसूल बलियावी उग्र हो गए। वे कहने लगे, “अभी हम कर्बला के मैदान में इकट्ठा हुए हैं। आका की इज्जत के लिए पूरे शहर को भी कर्बला बना देंगे। कोई रियायत नहीं होगी।” पाठकों को याद होगा कि पिछले वर्ष 10 जून को रांची में जिहादी तत्वों ने साजिश के तहत दंगा किया था, जिसमें कई पुलिस वाले गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अपने संबोधन में गुलाम रसूल बलियावी ने उन दंगाइयों का भी समर्थन किया है। बता दें कि गुलाम रसूल बलियावी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी हैं और इस विधान परिषद के सदस्य हैं।
बिहार के लोगों का मानना है कि दरअसल, यह सारा विवाद मुस्लिम मतों को लेकर है। बिहार में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की उपस्थिति से महागठबंधन के नेताओं के होश उड़े हुए हैं। मुस्लिम मतों को अपने पाले में लाने के लिए महागठबंधन के नेता एड़ी—चोटी एक किए हुए हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री ने अपनी समाधान यात्रा पर जाने से पहले इस मामले में महागठबंधन के प्रमुख के साथ मुस्लिम नेताओं से विचार—मंथन किया था। उसके बाद पटना की सड़कों पर पोस्टर भी लगे थे।
इधर राज्य के एक और मंत्री और राजद नेता सुरेंद्र यादव ने कहा है, ”भाजपा अपने राजनैतिक लाभ के लिए भारतीय सैनिकों की हत्या कराती है।” इस पर राजद की ओर से किसी ने सफाई नहीं दी है, वहीं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान का राजद ने समर्थन किया है।
इस पूरे मामले पर बिहार भाजपा के प्रवक्ता मनीष कुमार पांडे ने कहा कि गुलाम रसूल बलियावी का बयान समझ से परे है। देश में कहीं भी कोई वाद-विवाद नहीं चल रहा है, ऐसे में एक नया विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे गुलाम रसूल की मानसिकता के साथ-साथ बिहार सरकार की भी मानसिकता का पता चल रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में जदयू और राजद की सरकार है, जहां बेरोजगार युवा सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। पूरे बिहार में रोज कहीं ना कहीं आंदोलन और धरने हो रहे हैं। इसीलिए इन्हीं मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जदयू और राजद के नेता नफरती बयानबाजी कर रहे हैं।
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