इस्लाम कबूल चुकी महिला हिंदू नाम से दर्ज करा रही FIR, 7 साल पहले परिवार सहित किया था कन्वर्जन

- यह परिवार मूल रूप से मुंबई के रहने वाला बताया जा रहा हैं जिन्होंने 16/11 2015 में दुबई में एक साथ इस्लाम कबूल किया था। पाञ्चजन्य के पास वह स्टांप पेपर भी है जिसमें इन्होने सामूहिक तौर पर इस्लाम कबूल करने की जानकारी 4 मई 2021 में दी है।

Published by
WEB DESK

उत्तर प्रदेश बलरामपुर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ लगभग 7 साल पहले इस्लाम कबूल कर चुकी एक महिला अभी भी हिंदू नाम से लोगों पर FIR दर्ज कराते पाई गई। सबसे खास बात यह है कि इस काम में पुलिस ने भी उसका पूरा सहयोग किया और एक व्यक्ति को जेल भेज दिया।

दरअसल मामला गैंडास बुजुर्ग थाना क्षेत्र का है। यहां पर नसरीन, जमालुद्दीन और उनकी एक नाबालिग बेटी छांगुर पीर नाम के व्यक्ति के साथ उतरौला बाजार में रहते हैं। यह तीनों मूल रूप से मुंबई के रहने वाले बताए जा रहे हैं जो 16/11 2015 में दुबई में एक साथ इस्लाम कबूल कर चुके हैं। पाञ्चजन्य के पास वह स्टांप पेपर भी है जिसमें इन तीनों ने सामूहिक तौर पर इस्लाम कबूल करने की जानकारी 4 मई 2021 में दी है।

अपने इस्लाम कबूल करने और हिंदू धर्म त्याग देने के बाबत नसरीन और जमालुद्दीन ने हाल ही में एक स्थानीय यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू भी दिया है। इस्लाम कबूलने से पहले नसरीन का नाम नीतू और जमालुद्दीन का नाम नवीन था। 31 मार्च 2021 को नसरीन ने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में ही एक शपथ पत्र भी बनवाया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भविष्य में उन्हें नसरीन नाम से ही जाना जाए और उनका नीतू नाम से अब कोई वास्ता नहीं होगा। पाञ्चजन्य के पास इस शपथ पत्र की भी कॉपी मौजूद है।

बताया यह भी जा रहा है कि नसरीन जमालुद्दीन और उनकी बेटी के नए आधार कार्ड भी नए नामों से बन चुके थे। इसके बावजूद सितंबर 2022 में नसरीन अपने ही क्षेत्र के एक मुस्लिम जिला पंचायत सदस्य वसीउद्दीन पर एक साथ एक ही केस में 2 FIR कराती है जो क्रमशः थाना गैंडास बुजुर्ग और बलरामपुर सिटी कोतवाली में दर्ज होती है। गैंडास बुजुर्ग थाने में दर्ज केस का नंबर 0055/2022 है।

इन दोनों FIR में नसरीन खुद को नीतू बताती है और अपने शौहर जमालुद्दीन का नाम नवीन लिखती है। कुल मिलाकर महज 6 महीने बाद ही वह अपने ही शपथ पत्र से पलट जाती है। बलरामपुर पुलिस सब कुछ जान कर भी इस दिशा में कोई जांच नहीं करती और वसीउद्दीन को 4 माह बाद जनवरी 2022 में अचानक ही नई धाराएं बढ़ा कर भेज देती है।

इस घटना से आम लोगों में और खासकर हिंदू संगठनों में हिंदू मुस्लिम तनाव का भाव गया। लोगों के जेहन में यह आया कि एक मुस्लिम वसीउद्दीन द्वारा नीतू नाम की एक हिंदू महिला को प्रताड़ित किया गया है। लेकिन यहां प्रशंसा करनी होगी बलरामपुर जिले के हिंदू संगठनों की जिन्होंने पूरे मामले में धैर्य और संयम रखा और सत्य की प्रतीक्षा करते रहे। आखिरकार यह मामला मुस्लिम बना मुस्लिम का ही निकला। इस बीच जानकारी यह भी आ रही है कि मौलाना छांगुर और उसके इस पूरे नेटवर्क के तार न सिर्फ दुबई और मुंबई व नेपाल से भी जुड़े हुए हैं।

वहीं इस मामले में बलरामपुर पुलिस का दावा नसरीन उर्फ नीतू से ठीक उलट है। बलरामपुर पुलिस का कहना है कि महिला और उसके शौहर का भारत में ऐसा कोई सबूत नहीं जिस से उनके मुस्लिम होने की पुष्टि हो पाए। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या महिला द्वारा स्टांप पेपर पर बकायदा नोटरी करवा कर बनवाया गया शपथ पत्र और घोषणा पत्र फर्जी है है क्या ? एक यूट्यूब चैनल पर उक्त महिला ने अपना इंटरव्यू प्रकाशित कराया जिसमे वह शौहर सहित खुद को मुस्लिम बता रही है।


इंटरव्यू प्रकाशित कराया जिसमे वह शौहर सहित खुद को मुस्लिम बता रही है

वास्तविकता यह भी है कि बलरामपुर जिला नेपाल बॉर्डर से लगा हुआ है। अभी हाल ही में तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में इस्लामी गतिविधियों के बढ़ने का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने इन जिलों के अधिकारियों को विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए थे। ऐसे में यह घटना जिले में साम्रदायिक अस्थिरता फैलाने की किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रही है।

Share
Leave a Comment