कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश विश्वजीत बसु ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट कर दिया कि शिक्षक अपनी मर्जी के मुताबिक तबादला लेने के लिए दबाव नहीं बना सकते। उन्होंने कहा कि यह जंगलराज होगा कि जिसकी जो मर्जी उसी के मुताबिक काम होने लगे। यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल में शिक्षकों की जरूरत है वहां तबादला होगा ही और शिक्षकों को एक हफ्ते के भीतर जाकर जॉइनिंग करनी होगी। अगर ऐसा करने में संबंधित शिक्षक विफल होते हैं तो उनके खिलाफ शिक्षा विभाग कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है।
दरअसल एक शिक्षक ने अपने तबादले के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने राज्य के महाधिवक्ता सोमेंद्र नाथ मुखर्जी से कहा कि जिस स्कूल में गणित के शिक्षक नहीं हैं वहां जाने को दूसरा कोई शिक्षक तैयार नहीं जबकि जहां छात्र ही नहीं है वहां शिक्षक आ रहे हैं और जा रहे हैं। यह तो अजीब हालात है। यह और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। छात्रों का भविष्य पहले है और जहां जिस शिक्षक की जरूरत होगी वहां जाना होगा। महाधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि सरकार का ऐसा ही नियम है और अब इसे कड़ाई से पालन किया जाएगा।
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