नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बुधवार को त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित कर दी। तीनों राज्यों की 60-60 विधानसभा सीटों के लिए एक-एक चरण में मतदान होगा। त्रिपुरा में 16 फरवरी और नागालैंड व मेघालय में 27 फरवरी को मतदान होंगे, जबकि 2 मार्च को चुनाव के नतीजे सुनाए जाएंगे।
लक्षद्वीप की एक संसदीय सीट और 6 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की सात विधानसभा सीटों पर 27 फरवरी को उपचुनाव से जुड़ा मतदान होगा और 2 मार्च को नतीजे आएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल के साथ नई दिल्ली स्थित आकाशवाणी के रंग भवन ऑडिटोरियम में पत्रकार वार्ता के दौरान नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा विधानसभाओं के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की।
नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल क्रमश: 12, 15 और 22 मार्च को समाप्त हो रहा है। तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं। नागालैंड में 59, मेघालय में 55 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। वहीं त्रिपुरा में 10 सीटें अनुसूचित जाति और 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमारी टीमें तीन राज्यों में संयुक्त रूप से 62.8 लाख से अधिक मतदाताओं की सेवा करने के लिए तैयार होंगी। इनमें 31.47 लाख महिला मतदाता, 97 हजार 80 से अधिक आयु के मतदाता और 31,700 विकलांग मतदाता शामिल हैं। 1.76 लाख से अधिक पहली बार मतदाता तीन राज्यों के चुनाव में भाग लेंगे।
त्रिपुरा में 21 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी। 30 जनवरी तक नामांकन किया जा सकता है। 31 जनवरी को नामांकन की जांच होगी और 2 फरवरी तक नाम वापिस लिए जा सकते हैं। वहीं मेघालय और नागालैंड सहित राज्यों में होने वाले उपचुनाव के लिए 31 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी और 7 फरवरी तक नामांकन किया जा सकता है। 8 फरवरी नाम वापिस लेने की अंतिम तारीख होगी और 10 फरवरी तक नामांकन वापिस लिया जा सकता है।
राजीव कुमार ने कहा कि दुर्गम इलाकों के बावजूद तीनों राज्यों ने मतदान भागीदारी के मामले में देश के बाकी हिस्सों के लिए एक उदाहरण पेश किया है। इन राज्यों में 2018 के विधानसभा चुनावों में पुरुषों की तुलना में अधिक महिला मतदाता मतदान में भागीदार रही हैं।
इन राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 180 विधानसभा क्षेत्रों में 9125 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इनमें से 326 केवल महिलाओं द्वारा संचालित होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में 80 प्रतिशत मतदान केन्द्र हैं और वेबकास्टिंग सुविधा 70 प्रतिशत यानी 6719 मतदान केंद्रों में उपलब्ध है।
कुमार ने बताया कि लोकतंत्र के उत्सव में भाग लेने के लिए युवा मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए मेघालय में 60 मतदान केन्द्रों का प्रबंधन सबसे कम उम्र के कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग समावेशी चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए दूरस्थ, अलग-थलग स्थानों और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास भी मतदान केंद्र बनाए हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ