हिंदू सभ्यता और संस्कृति को गहराई से जानने की इच्छा रखने वाले छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई कर सकते हैं।
हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय ने ‘हिंदू अध्ययन केंद्र’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस निमित्त दिल्ली विश्वविद्यालय ने 12 जनवरी को अधिसूचना जारी कर 17 सदस्यीय का एक समिति का गठन किया है। इसके अध्यक्ष हैं दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह। उन्होंने बताया कि इससे जुड़ा पाठ्यक्रम किस तरह से छात्रों के लिए उपयोगी और रोजगारपरक हो, इसका पूरा विचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस पाठ्यक्रम में छात्र हिंदू संस्कृति, हिंदू सभ्यता, हिंदू समाज आदि के बारे में पढ़ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस समय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और नई दिल्ली स्थित लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय सहित 20 विश्वविद्यालयों में हिंदुत्व की पढ़ाई हो रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एक बार हिंदू अध्ययन पर राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानी नेट का भी आयोजन कर चुका है। इसे देखते हुए कई विश्वविद्यालय हिंदू अध्ययन केंद्र स्थापित कर रहे हैं।
अभी जिन विश्वविद्यालयों में हिंदू अध्ययन केंद्र चल रहे हैं, उनमें मुख्य रूप से हिंदू धर्म की आत्मा, हिंदू धर्म की रूपरेखा, व्यापारिक गतिविधियां, वास्तुकला, प्राचीन हथियार, महान भारतीय सम्राटों और उनके उपयोग में आने वाले उपकरणों के साथ—साथ प्राचीन शास्त्रों, वेदों और प्राचीन अभिलेखों के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी दी जा रही है।
टिप्पणियाँ