राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए हम सभी को लगना पड़ेगा, पढ़ना पड़ेगा : मुकुल कानिटकर
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत दिल्ली

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए हम सभी को लगना पड़ेगा, पढ़ना पड़ेगा : मुकुल कानिटकर

1835 तक साक्षरता का स्तर 100 प्रतिशत था, ऐसा अंग्रेजों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है। सभी वर्ग के लोगों को शिक्षा मिलती थी।

by WEB DESK
Jan 15, 2023, 06:41 pm IST
in दिल्ली
मुकुल कानिटकर, प्रख्यात शिक्षाविद्

मुकुल कानिटकर, प्रख्यात शिक्षाविद्

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

‘पाञ्चजन्य’ अपनी यात्रा के 75वर्ष पूर्ण कर मकर संक्रांति के दिन आज अपनी ‘हीरक जयंती’ मना रहा है। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के होटल अशोक में किया जा रहा है, जिसमें देशभर के कई दिग्गज शामिल हुए हैं। इस दौरान प्रख्यात शिक्षाविद् मुकुल कानिटकर ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था और रिसर्च पर कई तथ्यों को साझा किया। उन्होंने ये भी बताया कि किसी समय दुनिया की आर्थिक व्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी दो तिहाई से अधिक थी।

मुकुल कानिटकर ने कहा कि कर्म वही है जो बंधन में न बांधे और विद्या वही है जो मुक्त करे। भारत अपनी स्वाधीनता का अपना अमृत महोत्सव मना रहा है। पाञ्चजन्य भी शंखनाद का अमृत महोत्सव मना रहा है। मुकुल कानिटकर ने कहा कि 75 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी अपना स्वयं का संविधान प्रदान करने के बाद भी, स्व के अधीन होने के बाद भी आज हम जब अपने चारों तरफ देखते हैं तो क्या हम अपनी व्यवस्थाओं में भारत को देख पाते हैं। भारत तेजी से प्रगति कर रहा है हो सकता है कि हम नंबर एक पर पहुंच जाएंगे। लेकिन इस पर विचार किया क्या कि ऐसी कौन सी व्यवस्था थी कि विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत की भागीदारी दो तिहाई रही, 15वीं शताब्दी तक। क्या स्वतंत्र होने के बाद इस पर विचार नहीं करना चाहिए। इतिहासकार विल डोरा को कहना पड़ा कि भारत संसाधन का वितरण करने वाला देश रहा। जो हिस्सेदारी दो तिहाई थी वह अंग्रेजों के समय यह 23 प्रतिशत पर आ गई।

1835 तक साक्षरता का स्तर 100 प्रतिशत था, ऐसा अंग्रेजों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है। सभी वर्ग के लोगों को शिक्षा मिलती थी। 1947 में शिक्षा का स्तर 18 प्रतिशत और दुनिया में जीडीपी की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत रह गई। मैगस्थनीज ने 2300 साल पहला लिखा कि पाटलिपुत्र के पास दो किसान लड़ते हुए मिले वह भी इस विषय पर कि ये सोने का घड़ा मेरा नहीं है।

मुकुल कानिटकर ने कहा कि शिक्षा का तंत्र जीवन बनाती है। समस्त तंत्रों की जड़ है। न जाने कितने आक्रांता आए, उसके बाद भी इस देश के मर्म को नहीं तोड़ पाए। अंग्रेजों के समय शिक्षा का सरकारीकरण हो गया। सरकार की अनुमति से एक शब्द भी नहीं पढ़ा सकते थे। 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हुई है, पूरा परिणाम दिखने में 2030 तक लग सकते हैं। 1835 का शीर्षासन ठीक करने का काम राष्ट्रीय शिक्षा नीति कर रही है। क्रियान्वयन हम सभी को करना पड़ेगा। समाज के प्रत्येक वर्ग को इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सहयोग देने की जरूरत है। परिवर्तन की नींव है यह नीति। इसके पुष्पन पल्लवन के लिए हमें लगना पड़ेगा, पढ़ना पड़ेगा। अमेरिका सामरिक शक्ति के साथ ही ज्ञानशक्ति के दम पर राज कर रहा है। विश्वविद्यालयों में होने वाला रिसर्च राष्ट्रीय उत्थान पर होना चाहिेए।

Topics: पाञ्चजन्य का कार्यक्रमprogram of Panchjanyaपाञ्चजन्य की हीरक जयंतीपाञ्चजन्य पत्रिकाDiamond Jubilee of PanchjanyaPanchjanya magazineमुकुल कानिटकर का बयान#panchjanyaपाञ्चजन्य में मुकुल कानिटकरपाञ्चजन्यStatement of Mukul Kanitkarमुकुल कानिटकरMukul Kanitkar in PanchjanyaMukul Kanitkar
Share3TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वक्फ संशोधन विधेयक : तुष्टीकरण की राजनीति पर संवैधानिक अंकुश

राज कुमार भाटिया को प्रदान किया गया प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

राज कुमार भाटिया को मिला पहला प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

Panchjanya Manthan CM Yogi Aaditynath Sanatan Dharma

औरंगजेब पर सीएम योगी की खरी-खरी: विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन बंद करें नहीं तो संभल जैसा सच सामने आएगा

अमृत अभिजात जी

महाकुंभ में CM योगी आदित्यनाथ की पहल: पुलिस प्रशिक्षण और जनता के व्यवहार से मिली सफलता- अमृत अभिजात

अवनीश कुमार अवस्थी

महाकुंभ 2025: भारतीय संस्कृति, भव्यता और विश्वस्तरीय आयोजन की नई मिसाल- अवनीश कुमार अवस्थी

उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने महाकुंभ की सफलता पर पाञ्चजन्य को दी बधाई,जन-जन तक संदेश पहुंचाने की सराहना

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies