पत्रकारिता जगत में पाञ्चजन्य व्यवसाय नहीं, ध्येयवाद है। हिन्दी पत्रकारिता ने आज के युग की औद्योगिक घराने की छत्रछाया से हट कर ‘पाञ्चजन्य’ साप्ताहिक ने साल 1998 में अपनी स्वर्ण जयंती मनाई। जिस समय पाञ्चजन्य अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा था उस समय पाञ्चजन्य के प्रथम संपादक भारत के प्रधानमंत्री पद पर आसीन थे।
नीले आकाश में इंद्रधनुष की भांति चमकने वाले ‘पाञ्चजन्य’ का जन्म मुनाफाखोर, व्यावसायिकता के बजाय समाजनिष्ठ ध्येयवादी पत्रकारिता से हुआ है. ध्यान देने योग्य बात है कि ध्येयवादी पत्रकारिता की यात्रा कभी सरल नहीं हो सकती। लेकिन ‘पाञ्चजन्य’ की यात्रा स्वातंत्र्योत्तर ध्येय को समर्पित संघर्ष की यशोगाथा है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरन्त बाद 14 जनवरी, 1948 को मकर संक्राति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में ‘पाञ्चजन्य’ साप्ताहिक का अवतरण स्वाधीन भारत में स्वाधीनता आन्दोलन के प्रेरक आदर्शों एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों का स्मरण दिलाते रहने के संकल्प का उद्घोष ही था।
15 जनवरी 2023 रविवार को दिल्ली के होटल अशोक में “पाञ्चजन्य” अपनी यात्रा के 75वर्ष पूर्ण कर अपनी “हीरक जयंती” को मना रहा है. यहां “बात होगी भारत की, धर्म की, विकास की, शिक्षा की, 75 वर्ष की यात्रा और ध्येयवादी पत्रकारिता की। इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्रियों के आलावा अनेक सांसद और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सीएमडी, निजी क्षेत्र के व्यापारिक नेतृत्व में सिविल सोसायटी के अनेक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम के मुख्य बिन्दु इस प्रकार होंगे।
• पाञ्चजन्य और भारत की 75 वर्ष की यात्रा
• भारत का सांस्कृतिक विकास
• भारत का आर्थिक विकास
• स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव
• भारत का अब तक का व्यापक विकास
‘पाञ्चजन्य’ के इस कार्यक्रम में वक्ताओं के रूप में महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज, रा .स्व .संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर जी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केरल के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय वित्तमंत्री भारत सरकार निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भारतीय शिक्षण मंडल के संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम 15 जनवरी को सुबह दस बजे से शुरू होगा। पाञ्चजन्य के फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर इसका सीधा प्रसारण होगा।
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