CJI डीवाई चंद्रचूड़ की नियुक्ति को चुनौती देने वाली अर्जी को खारिज करने के आदेश की समीक्षा याचिका पर सुनवाई से दिल्ली उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस संतीश चंद्र शर्मा ने खुद को अलग कर लिया है। इनके साथ-साथ इस याचिका की सुनवाई से न्यायाधीश सुब्रमण्यन प्रसाद ने भी खुद को अलग कर लिया है। इन जजों का कहना है कि इस याचिका में उनके खिलाफ भी कुछ आरोप लगाए गए हैं। जिसकी वजह से वे दोनों इस मामले की सुनवाई में सम्मिलित नहीं हो सकते हैं। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने बताया कि 16 जनवरी को इस अर्जी पर दूसरी बेंच सुनवाई करेगी।
बतादें, हाई कोर्ट ने 11 नवंबर 2022 को जस्टिस चंद्रचूड़ की सीजेआई के रूप में नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। इस जनहित याचिका को संजीव कुमार तिवारी द्वारा दायर किया गया था। जिसको कोर्ट ने एक लाख रुपए के जुर्माने के साथ खारिज किया था। कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक विश्वास के साथ संवैधानिक पदों पर बैठे पदाधिकारियों की नियुक्ति को जनहित के नाम पर ‘स्वयंभू योद्धाओं’ द्वारा मनगढंत आरोपों के आधार पर अवहेलना करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने कोर्ट से लगाए गए जुर्माने को माफ करने का अनुरोध किया है।
संजय तिवारी ने बताया था कि सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस की नियुक्ति संविधान से अलग हुई है। जिस पर न्यायालय ने कहा था, कि इस समय यह चलन बन गया है कि जजों के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाएं और कोर्ट में अर्जी दाखिल करें। हाई कोर्ट ने कहा था कि यह अर्जी पब्लिसिटी को लेकर दाखिल की गई है, इसके अलावा और कुछ नहीं है। यह जनहित याचिका के मानकों के खिलाफ है।
टिप्पणियाँ