कानपुर। बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान मोहम्मद और उसके परिवार के मामले में पुलिस ने बताया कि हिना ने फर्जी दस्तावेज बनवाए थे। पुलिस हिना को मुख्य आरोपी बनाते हुए उसके खिलाफ चार्जशीट तैयार कर रही है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश ने शुक्रवार को बताया कि जांच के दौरान कानपुर में रह रहे बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान और उसकी बीवी हिना तथा उसके बच्चों के सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। हिना के फर्जी दस्तावेजों (आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, कोलकाता की टीसी आदि) के सहारे बच्चों का दाखिला शहर के प्रतिष्ठित स्कूल में कराया गया था।
मूलगंज पुलिस ने 11 दिसम्बर 2022 को डॉ. रिजवान मोहम्मद, पत्नी हिना, ससुर खालिद, बेटी रुखसाना और दो नाबालिग बेटों को जेल भेजा था। वे सभी लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रह रहे थे। पुलिस को जांच के दौरान इंपीरियल हाउस स्थित फ्लैट से तमाम फर्जी दस्तावेज मिले थे। इसमें आधार कार्ड, पासपोर्ट, बच्चों के टी सी व अंक पत्र भी शामिल थे। पुलिस ने जब बच्चों के दस्तावेजों की जांच के लिए डॉ. रिजवान को कस्टडी रिमांड पर लेकर कोलकाता गई, तो सारी कहानी दस्तावेजों की तरह फर्जी निकली।
बच्चों की टीसी और अंकपत्र फर्जी पाए गए। इसके बाद पुलिस ने नकली कागजात रिजवान के सामने रखकर पूछताछ की, तो उसने बताया कि हिना ने सारे दस्तावेज बनवाए थे। इससे पुलिस ने हिना को मुख्य आरोपी बनाया है।
पूछताछ के दौरान रिजवान ने पुलिस को बताया था कि उसने वर्ष 1998 में कानपुर के मैदा बाजार निवासी खालिद की बेटी हिना से दिल्ली में निकाह किया था। इसके बाद वह चुपचाप कोलकाता होते हुए सड़क मार्ग से पत्नी समेत बांग्लादेश लौट गया। हिना ने वहां तीनों बच्चों को जन्म दिया।
वर्ष 2016 में हिना के कहने पर पत्नी एवं बच्चों के साथ कानपुर आ गया। इस तरह मैं अवैध रूप से दोबारा बंगाल के रास्ते भारत में घुसा और कानपुर चला आया। यहां हिना ने पुराने रिश्तेदारों और परिचितों, विधायक इरफान सोलंकी और स्थानीय पार्षद की मदद से फर्जी दस्तावेज बनाए और पूरा परिवार यहां का निवासी बन गया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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