सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन को लेकर भारत सरकार 9 से 14 साल की लड़कियों के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत अब स्कूलों में टीकाकरण शुरू करने जा रही है। इसके लिए स्कूल प्रशासन को तैयारी शुरू करने के राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिए है। यह पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट एवं जीव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए स्वदेशी वैक्सीन के तैयार कर लेने से संभव हो रहा है।
सर्वाइकल कैंसर (बच्चेदानी के मुंह का कैंसर) से महिलाओं को बचाने के लिए स्वदेशी ह्यूमन पेपिलोमावायरस का टीका तैयार कर लिया गया है। भारत के औषधि महानियंत्रक ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के बनाए सर्वाइकल कैंसर के टीके को मंजूरी प्रदान कर दी है। अब यह देश के राष्ट्रीय टीकाकरण मिशन का हिस्सा बन चुका है।
इंस्टीट्यूट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह टीका बहुत कारगर है और सर्वाइकल कैंसर को रोकेगा क्योंकि 85 प्रतिशत से 90 प्रतिशत मामलों में सर्वाइकल कैंसर एक विशेष वायरस के कारण होता है और यह टीका उस वायरस के उन्मूलन के लिए तैयार किया गया है। बताया गया कि इसे छोटे बच्चों और बेटियों को लगाया जाता है तो वे संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे, जिसके फलस्वरूप उन्हें 30 साल बाद तक भी कैंसर नहीं होगा। खासकर ये वैक्सीन मेड-इन-इंडिया की है, जिसकी हमें सख्त जरूरत थी।
देश की राजधानी में हुई टीके की लांचिंग
राजधानी दिल्ली में इस वैक्सीन की लांचिंग के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि मेड-इन-इंडिया वैक्सीन लॉन्च करना गौरवशाली अनुभव है। खुशी इस बात की है कि देश की बेटियों और युवतियों को अब यह टीका उपलब्ध हो सकेगा।
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