मध्यप्रदेश के इंदौर में तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन के बाद आज से दो दिवसीय ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट शुरू हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली समिट का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि एमपी अजब भी है, गजब भी है और सजग भी है। एमपी में ये समिट ऐसे समय हो रही है जब भारत की आजादी का अमृतकाल शुरू हो रहा है। पीएम ने कहा कि हम विकसित भारत के निर्माण में लगे हैं। ये सिर्फ हमारी नहीं, हर भारतीय का संकल्प है। इसे लेकर हम ही नहीं, दुनिया की हर संस्था आश्वस्त दिख रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी का मैं स्वागत करता हूं। इस समिट को मेरी अनेक शुभकामनाएं हैं। मध्य प्रदेश का सामर्थ्य, मध्य प्रदेश का संकल्प आपकी प्रगति में दो कदम चलेंगे, ये मैं आपको विश्वास के साथ कहता हूं। मध्य प्रदेश में भी इस स्कीम की वजह से सैकड़ों करोड़ का निवेश आया है। प्रदेश को बड़ा फार्मा हब, टेक्सटाइल हब बनाने में इस योजना का महत्व है। मध्य प्रदेश आ रहे इन्वेस्टर्स से आग्रह है कि पीएलआई स्कीम का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि भारत का आधुनिक होता इन्फ्रास्ट्रक्चर, मल्टीमॉडल इन्फ्रास्ट्रक्चर भी इन्वेस्टमेंट की संभावनाओं को जन्म दे रहा है। आज इन सभी प्रयासों से मेक इन इंडिया को नई ताकत मिल रही है। मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया में भारत तेजी से विकास कर रहा है। प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम के तहत ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के इन्सेंटिव की घोषणा की जा चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का नया भारत अपने प्राइवेट सेक्टर्स की ताकत पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है। हाल ही में हमने नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया है, जिससे मध्य प्रदेश भी जुड़ चुका है। अभी तक लगभग 50 हजार स्वीकृतियां दी जा चुकी हैं। बैंकिंग सेक्टर में री-कैपिटलाइजेशन, जीएसटी के रूप में वन नेशन वन टैग, कॉर्पोरेट टैक्स को ग्लोबली कॉम्पिटिटिव बनाना, अनेक सेक्टर्स में रिफॉमर्स के माध्यम से हमने इन्वेस्टमेंट के रास्ते से कई रोड़े हटाए हैं। उन्होंने कहा कि साथियों, एक निर्णायक सरकार विकास को अभूतपूर्व गति देती है। देश के लिए हर जरूरी फैसले उतनी ही गति से लेती है। मुझे खुशी है कि हम भारतीय ही नहीं बल्कि दुनिया की हर संस्था, हर एक्सपर्ट इसको लेकर आश्वस्त दिख रहा है। भारत एक दशक नहीं, सेंचुरी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ल्ड बैंक का मानना है कि भारत के पास अन्य देशों के मुकाबले आर्थिक चुनौतियों से निपटने की क्षमता बहुत अधिक है। जी20- ग्रुप में इस साल भारत सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी। भारत मोबाइल डेटा उपयोग करने में नंबन वन है। आईटी में नंबर वन है। भारत देश का तीसरा आटो मार्केट है। भारत के डिजिटल इंफ्रा के लिए हर कोई विश्वास से भरा हुआ है। भारत एक तरफ गांव-गांव तक आप्टिकल फाइबर नेटवर्क पहुंचा रहा है। वह तेजी से 5जी नेटवर्क का विस्तार कर रहा है। हर व्यक्ति के लिए इंटरनेट आफ थिंग्स और एआई जो भी इंफ्रा बन रहे हैं वह भारत को गति देंगे। यह सब कोशिश भारत को ताकत देंगे। उन्होंने कहा कि साथियों हेल्थ, कृषि, स्टील हो, हर लिहाज से भारत में नई संभावनाएं आपका इंतजार कर रही हैं। भारत के साथ एक नई ग्लोबल सप्लाई का निर्माण कर रही हैं। आपका फिर से बहुत-बहुत स्वागत करता हूं। मध्य प्रदेश का सामर्थ, संकल्प आपकी प्रकृति में दो कदम आगे चलेंगे। ये मैं विश्वास से कहता हूं।
समिट ”फ्यूचर रेडी मध्य प्रदेश” के लिए ये दिग्गज आए
इस बार समिट की थीम ”फ्यूचर रेडी मध्य प्रदेश” रखी गई है। उद्योग जगत के दो हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बिजनेस से बिजनेस और बिजनेस टू ग्रुप मीटिंग में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शामिल होकर उद्योगपतियों से निवेश को लेकर चर्चा कर रहे हैं। समिट में नादिर गोदरेज, गोदरेज इंडस्ट्रीज, कुमार मंगलम बिड़ला, चेयरमैन आदित्य बिड़ला ग्रुप, नोयल एम टाटा, चेयरमैन टाटा इंटरनेशनल, प्रणव अडानी, एमडी अडानी ऑइल एग्रो एंड गैस, संजीव पुरी, सीएमडी, आईटीसी, संजय किर्लोस्कर, सीएमडी, किर्लोस्कर ब्रदर्स, अजय पिरामल, पिरामल इंटरप्राइजेस, अभय फिरोदिया, संजीव बजाज, सीएमडी, बजाज फिनसर्व, राकेश भारती मित्तल, वाइस चेयरमैन, भारती इंटरप्राइजेस, डॉ. नरेश त्रैहान, चेयरमैन मेदांता ग्रुप, राघवपत सिंघानिया, एमडी, जेके सीमेंट, संजीव मेहता, सीएमडी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, चेयरमैन, फोर्स मोटर्स, पुनीत डालमिया, एमडी डालमिया भारत ग्रुप, एसएन सुब्रमनियम, सीएमडी, एलएंडटी, एम ए युसूफ अली, सीएमडी, लूलू ग्रुप इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विशेष तौर पर हिस्सा लेने मध्य प्रदेश आए हैं।
अब तक हुईं अहम पांच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
अब तक मध्यप्रदेश में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर नजर डालें और इन सभी में सीएम शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को देखें तो ध्यान में आता है कि कैसे उनके विकसित मध्यप्रदेश बनाने की कोशिशों के परिणाम आज सामने आ रहे हैं। यहां पहली समिट- अक्टूबर 2007 में हुई थी, इसमें 102 एमओयू हुए और उसके बाद 17,311.19 करोड़ का निवेश आया, साथ ही 49 हजार 750 से अधिक को रोजगार मिला था।
प्रदेश में दूसरी समिट अक्टूबर 2010 में हुई, 109 एमओयू हुए, 26,879.23 करोड़ का निवेश आया और 25 हजार से अधिक को रोजगार मिल सका था। वहीं, यदि तीसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की बात की जाए तो अक्टूबर 2012 में यह सम्पन्न हुई थी। इस समिट में 425 एमओयू हुए थे और 26,054.85 करोड़ का निवेश राज्य में आना संभव हो सका था। वहीं, इसका परिणाम यह भी रहा कि 31 हजार 530 से अधिक को रोजगार मिलना संभव हुआ।
जमीन पर उतरे डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट
शिवराज सरकार ने इसके आगे भी अपना ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कराए जाने का सिलसिला जारी रखा और राज्य में चौथी समिट अक्टूबर 2014 में कराई गई। जिसके परिणाम स्वरूप 3,160 एमओयू से 49,272.5 करोड़ का निवेश आया और 38 हजार 750 से अधिक लोगों के जीवन से बेरोजगारी समाप्त हुई। इसके बाद पांचवीं इन्वेस्टर्स समिट अक्टूबर 2016 में शिवराज सरकार ने कराई और वह उद्योगपतियों के साथ 2,635 एमओयू करने में सफल रही। इससे प्रदेश भर के लोगों के साथ देश के तमाम राज्यों के 92 हजार 700 से अधिक लोगों को रोजगार मिल सका। साथ ही 32,597.66 करोड़ का निवेश मध्यप्रदेश में आया। इस तरह से वर्ष 2004 से अबतक की हुई सभी पांच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए 2,22,004.41 करोड़ का निवेश राज्य में हुआ है और देशभर के 2,91,835 से अधिक को रोजगार मिलना संभव हो सका है। जमीन पर डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट उतरे हैं।
उल्लेखनीय है कि एक बार फिर से मध्य प्रदेश, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से संभावित निवेशकों के लिए राज्य की क्षमताओं का विकास, निवेश के माहौल और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने तथा अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए विकास का एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार दिखाई दे रहा है। शिवराज सरकार को उम्मीद है कि पूर्व की अपेक्षा इस बार प्रदेश में अधिक निवेश आएगा और रोजगार के हजारों नए द्वार खुलेंगे।
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