पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी पुलिस की गिरफ्त में तो आ गए हैं, लेकिन पुलिस के आगे अब सबसे बड़ी चुनौती कुरैशी की संपत्तियों को खंगालने की है, जिन पर कुर्की या जब्ती की कार्रवाई की जानी है। हाजी याकूब कुरैशी को मेरठ पुलिस दिल्ली से गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश कर दिया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें 45 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
मेरठ पुलिस प्रशासन के द्वारा 31 मार्च 2022 को हाजी कुरैशी की अवैध मीट पैकेजिंग फैक्ट्री को सीज किया था। इस मामले में 17 लोग नामजद हुए थे, पुलिस ने कुरैशी के अवैध रूप से संचालित निजी अस्तपाल को भी सीज किया हुआ है।
प्रशासन के आगे सबसे बड़ी चुनौती है कि गैंगस्टर एक्ट में दो बार कार्रवाई याकूब कुरैशी के खिलाफ की गई है, लेकिन उनकी संपत्तियों में फैक्ट्री और अस्पताल को अभी तक कुर्क नहीं किया जा सका है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि पुलिस के हाथ इन दोनों संपत्तियों के दस्तावेज नहीं लगे हैं। पुलिस-प्रशासन ने अब इसके लिए निर्वाचन आयोग से मदद मांगी है।
प्रशासन के पास ये जानकारी जरूर थी कि चुनाव लड़ने के दौरान हाजी याकूब ने अपनी इन दोनों संपत्तियों का जिक्र नामांकन में अवश्य किया होगा। एक अनुमान के अनुसार नींबू बेचने से लेकर राजनीतिक मुकाम हासिल करने तक हाजी याकूब कुरैशी ने मीट और अन्य कारोबार से अवैध रूप से कथित तौर पर करोड़ों की कमाई कर संपत्ति जुटाई है, जिसे प्रशासन गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्की करके जब्त करना चाहता है।
एसएसपी रोहित सजवान के मुताबिक हम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखना चाहते हैं इसके लिए हम साक्ष्य जुटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाजी याकूब कुरैशी से भी पूछताछ के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया जाएगा।
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