वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की तकनीकी कमान एक भारतवंशी को सौंपी गयी है। भारतीय मूल के वैज्ञानिक एसी चारणिया को नासा का चीफ टेक्नोलॉजिस्ट बनाया गया है। उन्होंने काम भी संभाल लिया है।
एसी चारणिया प्रौद्योगिकी नीति और अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर नासा चीफ बिल नेल्सन के प्रमुख सलाहकार के रूप में काम करेंगे। नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि एसी चारणिया नासा के छह मिशनों की जरूरतों के साथ एजेंसी के प्रौद्योगिकी निवेश का काम देखेंगे। साथ ही संघीय एजेंसियों, निजी क्षेत्र और बाहरी शेयरहोल्डर्स के साथ प्रौद्योगिकी सहयोग की देखरेख करेंगे।
इस घोषणा के बाद चारणिया ने एक समारोह में शपथ लेकर नया दायित्व संभाल लिया। उन्होंने भी सोशल मीडिया पर अपने नए दायित्व की जानकारी दी। चारणिया ने कहा कि 21वीं सदी में हम जिस तरह की प्रगति चाहते हैं, वह हमारे अभियानों को निष्पादित करने के लिए टेक्नोलॉजी के साथ उपयुक्त पोर्टफोलियो को चुनने पर निर्भर है। नासा के भीतर और बाहर अविश्वसनीय अवसर हैं। वे अब अंतरिक्ष और विमानन प्रगति को बढ़ाने के लिए काम करने का इंतजार कर रहे हैं।
नासा में शामिल होने से पहले चारणिया अमेरिका में ही रिलायबल रोबोटिक्स कॉरपोरेशन में उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने एयरोस्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन के ब्लू मून लूनर लैंडर कार्यक्रम और नासा के साथ कई टेक्नोलॉजी अभियानों पर काम किया है। चारणिया ने स्पेस टूरिज्म कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक (अब वर्जिन ऑर्बिट) के लॉन्चरवन स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम के लिए रणनीति और बिजनेस डेवलपमेंट में भी काम किया है।
उन्होंने जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक और मास्टर डिग्री प्राप्त की। एमोरी विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र व गणित में स्नातक की डिग्री ली। चारणिया से पहले नासा के चीफ टेक्नोलॉजिस्ट का दायित्व कार्यवाहक रूप से भारतवंशी भव्या लाल संभाल रही थीं। भव्या लाल ने कहा कि नासा के हर मिशन में तकनीक की भूमिका अहम रहती है। ऐसे में वे तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी सेक्टर के प्रबंधन में अनुभवी एसी चारणिया को नासा में काम करते देखने के लिए उत्सुक हैं।
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