एकात्मवादी संस्कृति में ही जल संकट का समाधान : मोहन भागवत
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

एकात्मवादी संस्कृति में ही जल संकट का समाधान : मोहन भागवत

श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि पंचमहाभूतों में असंतुलन की विकृतियों से उबरना मानव जाति ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के हित में है। हम जल का अनादर न करें

by WEB DESK
Jan 10, 2023, 06:54 am IST
in भारत, संस्कृति
रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि पंचमहाभूतों में असंतुलन की विकृतियों से उबरना मानव जाति ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के हित में है। हम जल का अनादर न करें, प्रकृति का सम्मान करें और इसकी सदैव पूजा करें। भारतीय संस्कृति एकात्मवादी है। जल का विषय गंभीर है और हमें इस बात की प्रामाणिकता से लोगों को अवगत कराना होगा। अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार पंचमहाभूतों पर अलग-अलग स्थानों पर कार्य करना और उपाय ढूंढना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में अनोखा देश है जो जल ही नहीं, पंचमहाभूतों के लिए भी अपनी संस्कृति और ज्ञान के आधार पर कार्य करता रहा है। भारत के लोग जल के लिए तृतीय विश्व युद्ध नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की नकल से ग्लोबल वार्मिंग और अन्य घटनाएं घटित हुई हैं। मानव विकास की दिशा सही नहीं होना इसके मूल में है। ग्लोबल वार्मिंग कोई बहुत पुरानी समस्या नहीं है। हाल के 300 वर्षों में ही यह संकट के रूप में उभरा है। मानव स्वयं को प्रकृति का अंग न मानकर स्वयं को मालिक समझ बैठा है। उसके इस अज्ञान और अहंकार के कारण ही इस तरह की समस्याएं आज भारत में भी आने लगी हैं। भारतीय परंपराओं के अनुसार, विज्ञान और समावेश के साथ जल, वायु और अन्य पंच तत्वों के स्वाभाविक गुणों का उपयोग करने से इस तरह की समस्याएं कम ही नहीं, बल्कि समाप्ति की ओर होंगी। भारत पुन: विश्व गुरु स्थापित हो, इसके लिए हमें इस दिशा में जनमानस के साथ ही कार्य करना होगा। इस तरह की गोष्ठियां, जिसमें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक, संत-महात्मा सम्मिलित हुए हैं, निश्चित ही अपने उद्देश्य को प्राप्त करेंगी।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हम धरती के मालिक नहीं, किरायेदार हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने पानी को मानव के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना है। वेदों में पानी को सबसे महत्वपूर्ण पंचतत्व माना है और नदियों को मां का दर्जा दिया गया है। लेकिन बढ़ती आबादी और जलवायु परिवर्तन ने जल संकट को भी बढ़ाया है। आगर हम नहीं चेते, तो प्रकृति के कहर का सामना करना ही पड़ेगा।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श गोयल ने कहा कि यह समाज के विषय हैं और समाज को ही इसका रास्ता निकालना चाहिए। नदियों का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इतनी निगरानी के बाद भी बिना शोधन किए 80 प्रतिशत नाले का पानी नदियों में डाला जा रहा है। 1985 से 2010 तक 25 वर्ष में प्रदूषण बढ़ा है। लेकिन 2010 से 2020 के बीच यह और तेजी से बढ़ा है। जल को लेकर भारत का दृष्टिकोण पश्चिम से भिन्न है, इस विचार को धरातल पर लाना होगा। इस सत्र में सद्गुरु जग्गी वासुदेव का संदेश वीडियो के माध्यम से साझा किया गया। राजस्थान के 83 वर्षीय रामसिंह बीकाजी ने लोक गीत ‘दल-बादली रो पाणी, कुण तो भरे’ से जल-विमर्श की गीतमय भूमिका बांधी। डॉ. क्षिप्रा माथुर की लिखी जल-संकट और भारतीय दर्शन में जल-पक्ष को रेखांकित करती डाक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई।

Topics: श्री मोहनराव भागवतरा.स्व.संघग्लोबल वार्मिंगपंचमहाभूतभारत विश्व में अनोखा देशराष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी)
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

संघ शाखा अर्थात् सेवा यज्ञ

रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले

यात्रा पर गर्व, लक्ष्य पाना शेष : दत्तात्रेय होसबाले

समाज में बढ़ती संघ की स्वीकार्यता

अ.भा.प्र.सभा के मंच पर श्री मोहनराव भागवत एवं श्री दत्तात्रेय होसबाले

बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एकजुटता से खड़े हों

विद्यालय का लोकार्पण करते श्री मोहनराव भागवत और अन्य लोग

‘शिक्षा स्वार्थ से ऊपर उठाने वाली हो’

1939 के इस चित्र में डॉ. हेडगेवार और श्री गुरुजी (मध्य में) के साथ संघ के कुछ तत्कालीन वरिष्ठ कार्यकर्ता

संकल्प राष्ट्र उत्थान, कार्य स्वयंसेवक निर्माण – शताब्दी सोपान (4)

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies