उत्तराखंड : जोशीमठ को दरकने से कोई रोक नहीं सकता
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड : जोशीमठ को दरकने से कोई रोक नहीं सकता

प्रकृति के आगे किसी की नहीं चली, मानवीय गलतियों का सबक किसी ने नहीं लिया

by दिनेश मानसेरा
Jan 8, 2023, 11:19 am IST
in उत्तराखंड
जोशीमठ में दरारें

जोशीमठ में दरारें

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आदि शंकराचार्य के द्वारा स्थापित जोशीमठ शहर सुर्खियों में है, जो धीरे-धीरे दरक रहा है। स्थानीय बाशिंदे डरे, सहमे हुए अपना घरों को टूटते और खत्म होते देख रहे हैं। किसी के हाथ भी ऐसी जादुई छड़ी नहीं है जो इस ऐतिहासिक शहर जोशीमठ को खिसकने से बचा सके। प्रकृति के आगे कब किसकी चली है। ये सब जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं और मानवीय भूलों का खमियाजा भुगत रहे हैं।

जोशीमठ की इस हालत पर आप अफसरशाही पर निशाना साध सकते हैं, सरकार को दोषी ठहरा सकते हैं, अब आंदोलन शुरू हो गए हैं। कोई जलविद्युत परियोजना को जिम्मेदार मान रहा है, कोई ऑल वेदर रोड को, कोई कंक्रीट के बोझ को तो कोई भ्रष्ट अफसर शाही को, लेकिन ये समस्या का समाधान नहीं है। पहाड़ में रहने वाला हर व्यक्ति जानता है कि पहाड़ में रहने का क्या मतलब है? पहाड़ की अपनी बोझ उठाने की क्षमता होती है। एक हद तक ही पहाड़ बोझ सह सकता है। अगर जबरदस्ती हुई तो अपना रौद्र रूप दिखाएगा ही दिखाएगा। जो अब जोशीमठ दिखा रहा है।

जोशीमठ उत्तराखंड का कोई पहला शहर नहीं है जो अपनी जमीन छोड़ रहा है। नैनीताल में ऐसा ही खतरा बलिया नाले की तरफ दिख रहा है। झील के किनारे पर बना बलिया नाला शहर को निगलने को तैयार है। लेकिन कौन सुध ले रहा है? नैनीताल का ये हाल इसलिए हुआ कि वहां उसकी बोझ क्षमता से ज्यादा भार हो गया। होटल बन गए हैं, रिजॉर्ट पैदा हो गए और सरकारी दफ्तरों का भी बोझ बढ़ता ही गया।

जोशीमठ की कहानी कोई अलग नहीं है। 2011 के मुताबिक यहां की जनसंख्या थी कोई 20,000। जो अब करीब 10 साल बाद जाहिर तौर पर 30,000 पहुंच गई होगी। जो लोग जोशीमठ आज से 20 साल पहले गए होंगे वो तब और आज के जोशीमठ की तुलना करें तो अंतर साफ दिखेगा। दो नदियों के मुहाने पर बसा शहर कितना संवेदनशील है इसका अंदाजा 1976 में आई मिश्रा कमीशन की रिपोर्ट से लग सकता है। उस रिपोर्ट में जिक्र है कि अगर जोशीमठ को बचाना है तो यहां पर निर्माण कार्यों पर रोक लगानी ही चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने पर जोर देना चाहिए। लेकिन किसने अमल किया या कराया इस सिफारिश पर? 50 साल बाद हालात सबके सामने आ गए हैं।

उत्तराखंड का एक छोर अगर चमोली जिले का जोशीमठ है तो दूसरा छोर पिथौरागढ़ जिले का धारचूला। जिसकी हालत अलग नहीं। धारचूला के बाशिंदे भी अपनी जान हथेली पर रखे हुए हैं। यहां का एक कोना लगातार खिसक रहा है। व्यास घाटी का गर्ब्यांग कस्बा जिसे कभी छोटी विलायत भी कहा जाता था पूरी तरह धंसने को तैयार है। दो दशक पहले उत्तरकाशी का वरुणावृत पर्वत रातों की नींद उड़ा गया। कितने ट्रीटमेंट के बाद भी हर साल ये दरकता रहता है।

एक विषय और 2013 में केदारनाथ, बद्रीनाथ में जो आपदा आई किसी ने उस त्रासदी से कोई सबक सीखा ? क्या नदियों के किनारे निर्माण कार्य बंद हो गए? क्या पहाड़ों में कंक्रीट का निर्माण बंद हुआ ?

वरिष्ठ पत्रकार अनुपम त्रिवेदी बताते हैं कि हिमालय की रेतीले ढलान पर बसे जोशीमठ का अस्तित्व शायद ही बच पाए क्योंकि दरारें बहुत ज्यादा और गहरी हैं इसलिए इस शहर को खाली करना ही बेहतर होगा अन्यथा यहां जान माल का नुकसान बहुत होगा।
भू-गर्भ मामलों के जानकर अनूप नौटियाल पिछले कई सालों से लगातार ये बात कहते रहे हैं कि हिमालय क्षेत्र में कंक्रीट के बोझ को कम किया जाए। ये कमजोर इलाके हैं, यहां कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। गंगा किनारे निर्माण बराबर हो रहे हैं। शहरों कस्बों में पक्के निर्माण के बजाय, जापान की तरह फैब्रिकेट हाउस बनाए जाने चाहिए। चमोली के पत्रकार देवेंद्र रावत कहते हैं कि हमने 2013 की त्रासदी से कोई भी सबक नहीं लिया, अंधाधुंध कंक्रीट का निर्माण होने लगा और हालात चिंताजनक हो गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ का दौरा करके आए हैं और केंद्र सरकार की एक उच्च स्तरीय भू-गर्भ विशेषज्ञों की टीम भी जोशीमठ पहुंच चुकी है। सवाल यही है कि जो सिफारिश ये वैज्ञानिक करते हैं उस पर अमल कितना होता है? मिश्र कमीशन की सिफारिश हो या फिर पदम विभूषण प्रो खड़क सिंह वाल्दिया की, किसी भी सरकार ने इसे कुछ दिन माना फिर इन्हें दरकिनार कर दिया गया।

बहरहाल जोशीमठ के हालात अच्छे नहीं है, लोग अब सड़कों पर आंदोलन करने लगे हैं। उत्तराखंड सरकार भी चिंतित है। इस मामले में केंद्र सरकार पीएमओ गृह मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय को बराबर रिपोर्ट भेजी जा रही है। खुद सीएम आपदा नियंत्रण कक्ष में जाकर जोशीमठ की रिपोर्ट ले रहे हैं।

लोगों को सुरक्षित स्थान पर किया जा रहा शिफ्ट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार भू-धंसाव की घटनाएं कुछ खास इलाके में हैं, जिन इलाकों में दरारें नहीं हैं। वहां हम लोगों को शिफ्ट कर रहे हैं। हालात पर बराबर नजर रखी जा रही है।

Topics: joshimath newsजोशीमठ जमीन से पानीlandslide in joshimathnews indiaजोशीमठjoshimath uttrakhandjoshimath sinkingjoshimath uttarakhandjoshimath landslideauli joshimathजोशीमठ की खबरेंjotrimath joshimathजोशीमठ में धंस रही जमीनjoshimath to auliजोशीमठ दरारchamoli joshimathजोशीमठ भूधंसावjoshimath landslide videoजोशीमठ प्रदर्शनjoshimath tourismjoshimathजोशीमठ धंसी जमीन
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जोशीमठ के पास पहाड़ी से बोल्डर आने से बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध

जिद और जुनून से बनाया मुकाम

उत्तराखंड : जोशी मठ पहुंचे सीएम धामी, राहत शिविरों में जाकर प्रभावितों से की मुलाकात

दिल्ली  में जंतर मंतर पर धरने पर बैठे लोग। कहा जा रहा है कि इनमें अधिकतर वामपंथी हैं।

दरार पर वामपंथी दुष्प्रचार

जोशीमठ

जोशीमठ में तीन हजार यात्रियों के रुकने की व्यवस्था सुरक्षित

जोशीमठ में बर्फबारी

जोशीमठ में हुई बर्फबारी, पर्यटन मंत्री ने कहा- अधिकारी बेवजह यहां नहीं रुकें

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies