दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने कंझावला मामले के छठे आरोपित आशुतोष भारद्वाज को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। आशुतोष भारद्वाज को आज ही दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आशुतोष भारद्वाज उस कार का मालिक है, जिस कार से घसीटते हुए अंजलि की मौत हुई थी।
आशुतोष पर आरोप है कि उसने आरोपितों को बचाने की कोशिश की। इस मामले का सातवां आरोपित अंकुश खन्ना एक और आरोपित अमित खन्ना का भाई है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि अमित कार चला रहा था और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। एफआईआर के मुताबिक दीपक ने शुरुआत में पुलिस को बताया था कि वो कार चला रहा था और मनोज मित्तल उसके बगल वाली सीट पर था। मिथुन, कृष्णा और मिथुन पीछे वाली सीट पर बैठे थे।
पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपितों मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्णा और मिथुन को गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कार से स्कूटी सवार युवती को टक्कर मारी। इसके बाद वे उसे 13 किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गए। इस दौरान युवती कार में ही फंसी रही। युवती की सारी हड्डियां चकनाचूर हो गई और उसके तन पर एक भी कपड़ा नहीं बचा। युवती के दोनों पैर, सिर व शरीर के अन्य हिस्से बुरी तरह कुचल गए। पुलिस ने गिरफ्तार किये गए पांच आरोपितों को 2 जनवरी को कोर्ट में पेश किया।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि 31 दिसंबर की रात को हादसा हुआ। 13 किलोमीटर तक बॉडी को गाड़ी से घसीटा गया। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि सीसीटीवी फुटेज निकाला है, जिसमें पेट्रोल पंप और मुरथल का सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल सका है। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि हमें अभी आरोपितों को एक दूसरे के सामने बिठाकर पूछताछ करनी है। सुनवाई के दौरान आरोपितों के वकील ने पांच दिन की पुलिस रिमांड बढ़ाने का विरोध किया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद पांचों को 5 जनवरी तक की पुलिस हिरासत में भेजा था।
इसके बाद कोर्ट ने 5 जनवरी को इस मामले के पांचों आरोपितों की पुलिस हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ा दी थी। मेडिकल जांच में आरोपितों के शराब पीने की पुष्टि हुई है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने से मौत का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) भी जोड़ दी।
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