पौष पूर्णिमा पर विशेष : साधकों पर आशीष बरसाते सूर्य नारायण, मां शाकंभरी और भगवान शिव से भी जुड़ी है तिथि
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

पौष पूर्णिमा पर विशेष : साधकों पर आशीष बरसाते सूर्य नारायण, मां शाकंभरी और भगवान शिव से भी जुड़ी है तिथि

माघ मास का स्नान व्रत धारण करने वाले साधक इसी तिथि से एक माह का "कल्पवास" शुरू करते हैं, जिसकी पूर्णता माघी पूर्णिमा को होती है।

by पूनम नेगी
Jan 6, 2023, 04:53 pm IST
in भारत, संस्कृति
पौष पूर्णिमा पर प्रयागराज में आरती करते श्रद्धालु।

पौष पूर्णिमा पर प्रयागराज में आरती करते श्रद्धालु।

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सनातन हिंदू दर्शन में पौष पूर्णिमा पर गंगास्नान की विशिष्ट महत्ता है। यदि तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी संगम और कुंभ पर्व का दुर्लभ संयोग जुड़ जाए तो और भी पुण्यदायक है। यही वजह है कि इस पावन अवसर पर प्रयाग, काशी, हरिद्वार व उज्जैन जैसे दिव्य तीर्थों में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु मोक्ष की कामना से गंगास्नान को जुटते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार पौष का महीना सूर्यदेव का माना जाता है और पूर्णिमा की तिथि चंद्रमा की। सूर्य और चंद्रमा का यह अद्भुत संयोग पौष पूर्णिमा को ही मिलता है। ज्योतिष के आचार्यों के मुताबिक पौष माह में सूर्यदेव अपनी ग्यारह हजार रश्मियों के साथ तप करते हैं। पौराणिक मान्यता है कि जो धर्मप्राण सनातनधर्मी समूचे पौष मास सूर्यनारायण का ध्यान-पूजन कर आध्यात्मिक ऊर्जा संग्रहीत करते हैं; पौष पूर्णिमा का पावन स्नान और सूर्यदेव की विशेष पूजा-उपासना उनकी साधना को पूर्णता प्रदान करती है। इस दिन गंगा स्नान करने से ग्रह बाधा शांत होकर तन, मन और आत्मा तीनों का नवजीवन हो जाता है और साधक को मोक्ष का वरदान भी मिलता है।

माघ मास का स्नान व्रत धारण करने वाले साधक इसी तिथि से एक माह का “कल्पवास” शुरू करते हैं, जिसकी पूर्णता माघी पूर्णिमा को होती है। पद्म पुराण में महर्षि दत्तात्रेय ने कल्पवास की पूर्ण व्यवस्था का वर्णन किया है। उनके अनुसार कल्पवासी को सत्यवचन, अहिंसा, इन्द्रीय संयम, सभी प्राणियों के प्रति दयाभाव, ब्रह्मचर्य पालन, व्यसनों का त्याग, सूर्योदय से पूर्व शैया-त्याग, नित्य तीन बार सुरसरि स्नान, त्रिकाल संध्या व पितरों का पिण्डदान, यथा-शक्ति दान, अन्तर्मुखी जप, सत्संग, क्षेत्र संन्यास अर्थात संकल्पित क्षेत्र के बाहर न जाना, परनिन्दा त्याग, साधु सन्यासियों की सेवा, जप एवं संकीर्तन, एक समय भोजन, भूमि शयन आदि नियमों का पालन पूर्ण निष्ठा से करना चाहिए। इनमें ब्रह्मचर्य व्रत एवं उपवास, देव पूजन, सत्संग व दान का विशेष महत्व बताया गया है। गायत्री महाविद्या के महामनीषी पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य लिखते हैं, ‘ ब्रह्मचर्य का तात्पर्य है ब्रह्म में विचरण। सरल शब्दों में कहा जाए तो काम के प्रति आसक्ति का त्याग ही वास्तविक ब्रह्मचर्य है।’

कल्पवास का दूसरा अति महत्वपूर्ण अंग है व्रत एवं उपवास। कल्पवास के दौरान विशेष दिनों पर व्रत रखने का विधान है। व्रतों को दो कोटियों में विभाजित किया गया है– नित्य एवं काम्य। नित्य व्रत से तात्पर्य बिना किसी अभिलाषा के ईश्वर प्रेम में किये व्रतों से है, जिसकी प्रेरणा अध्यात्मिक उत्थान से होती है, वहीं काम्य व्रत किसी अभीष्ट फल की प्राप्ति के लिए किये गये व्रत होते हैं। व्रत के दौरान धर्म के दस अंगों का पूर्ण पालन किया जाना आवश्यक होता है। मनुस्मृति के अनुसार ये दस धर्म हैं – धैर्य, क्षमा, स्वार्थपरता का त्याग, चोरी न करना, शारीरिक पवित्रता, इन्द्रियनिग्रह, बुद्धिमता, विद्या, सत्य वाचन एवं अहिंसा।

पौष पूर्णिमा के दिन शाकंभरी जयंती भी

पौष पूर्णिमा के दिन ही शाकंभरी जयंती भी मनायी जाती है। माता शाकंभरी को देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। कहते हैं कि एक बार दानवों के उत्पात से त्रस्त भक्तों ने कई वर्षों तक सूखा एवं अकाल से पीड़ित होकर देवी दुर्गा से प्रार्थना की। तब देवी मां करुणाद्र हुईं और मां की हजारों आंखों से नौ दिनों तक लगातार आंसुओं की बारिश हुई जिससे पूरी पृथ्वी पर हरियाली छा गई तथा जीवन रस से परिपूर्ण हो गया। उन्होंने अपने अंगों से कई प्रकार की शाक, फल एवं वनस्पतियों को प्रकट किया। कहते हैं कि तब से वह जगत में शाकंभरी देवी के नाम से प्रसिद्ध हो गयीं। इसलिए पौष पूर्णिमा को शाकंभरी जयंती का पर्व मनाया जाता है।

पुष्याभिषेक यात्रा और छेर-छेरता पर्व की शुरुआत भी इसी दिन से

जैन धर्मावलंबी पुष्याभिषेक यात्रा की शुरुआत पौष पूर्णिमा से करते हैं। छत्तीसगढ़ के वनवासी समाज के “छेर-छेरता पर्व” का आयोजन भी पौष पूर्णिमा से ही होता है। वनवासियों का यह त्यौहार पौष महीने की पूर्णिमा से शुरू होकर सप्ताह भर तक चलता है। गोड़, नागवंशी, कंवर, नगेसिया, भुईयां, खैरवार, खडिया, चिक, संवरा, चिकवा, रौतिया, सौंसर, मुंडा, डोम व अगरिया जनजाति के आदिवासी काफी धूमधाम से इस त्यौहार को मनाते हैं। इस त्योहार के पीछे एक रोचक पौराणिक कथानक प्रचलित है। कथा के मुताबिक एक बार भयानक अकाल पड़ने पर समूचे राज्य की फसल चौपट हो गयी। पशु-पक्षी ही नहीं इंसान भी भूख से मरने लगे। तब वनवासियों ने पूरे भक्तिभाव से महादेव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की। भोले ग्रामीणों की भक्ति से प्रसन्न हुए महादेव ने गांव की रक्षा का वरदान दिया। बदले में ग्रामीणों ने दक्षिणा स्वरूप फसल का एक भाग महादेव को देने का वचन दिया। उसी घटना की स्मृति में प्रतिवर्ष पौष पूर्णिमा को नृत्य गायन के साथ “छेर-छेरता” पर्व मनाते हैं। सदियों पुरानी यह अनूठी परंपरा आज भी कायम है।

 

Topics: Lord ShivaPaush PurnimaSuryaMaa Shakambhariपौष पूर्णिमासूर्य नारायणमां शाकंभरीपौष पूर्णिमा का महत्वपौष पूर्णिमा पर गंगा स्नानभगवान शिव
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सौ साल बाद सोमनाथ शिवलिंग के अवशेष सामने आए, महमूद गजनवी ने किया था तोड़ने का प्रयास

बैद्यनाथ धाम पहुंचीं अभिनेत्री सारा अली खान

सारा अली खान पहुंचीं बैद्यनाथ धाम, शिव भक्ति में लीन, कट्टरपंथी बोले- मुस्लिम कहलाने लायक नहीं, अल्लाह माफ नहीं करेगा

पावन संगम तट पर श्रद्धालु

महाकुंभ 2025 : पौष पूर्णिमा पर डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

संभल में 46 साल बाद खुला मंदिर का ताला : खुदाई के दौरान मिला शिवलिंग और प्राचीन कुआं, पुलिस ने साफ-सफाई कर कराया उद्धार

महाकुम्भ : प्रयागराज से वाराणसी के बीच 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन

भगवान गणेश प्रथम पूजनीय क्यों?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies