छत्तीसगढ़ में बीजेपी सांसद व बस्तर प्रभारी संतोष पांडेय ने मतांतरण मामले में कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आज से 18 महीने पहले जब सुकमा के एसपी ने अपने मातहतों को मतांतरण के बारे में बताते हुए पत्र लिखा था तो यह सरकार उस घटना से साफ मुकर गई थी, परंतु आज नारायणपुर में जो परिस्थिति है, वह साफ बता रही है कि सुकमा एसपी का पत्र सही था और इस घटना की अनदेखी करने लिए कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार दोषी है।
सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि नारायणपुर के विधायक चंदन कश्यप जबरदस्ती मतांतरण कराने वालों की सभा में जाकर कहते हैं कि आप चिंता न करें, हम आपके साथ हैं। यह समर्थन केवल एक विधायक का समर्थन नहीं, बल्कि इसमें भूपेश बघेल की सहमति है और इस माध्यम से वे अपने नेता सोनिया गांधी व प्रियंका वाड्रा को खुश करके अपना अंक बढ़ाना चाहते हैं। इससे स्पष्ट है कि ऐसी वनवासी विरोधी शक्तियों को कांग्रेस प्रश्रय देती है। इनकी शह पर मतांतरण करने वाले एकत्र होकर भयादोहन करने के लिए वनवासियों से मारपीट करते हैं और जब उसके विरोध में आम वनवासी एकत्र होकर आंदोलन करता है तो यह सरकार झूठे केस बनाती है और कुछ असामाजिक तत्वों की हरकतों को भाजपा से जोड़कर भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों को गिरफ्तार करती है।
बस्तर प्रभारी सांसद संतोष पांडे ने कहा कि रूपसाय सलाम केवल एक राजनीतिक कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि वनवासी समाज के प्रमुख भी हैं। शासन ने उनको जिस प्रकार घेर कर गिरफ्तार किया और उनकी पगड़ी उछाली गई इससे समाज वनवासी समाज दुखी और रूष्ट है। कांग्रेस सरकार समझ ले कि रूपसाय सलाम का अपमान नारायणपुर क्षेत्र नहीं, बल्कि पूरे वनवासी समाज का अपमान है।
सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि कांग्रेस वनवासी समाज की दुश्मन बनकर मतांतरण को प्रोत्साहित कर रही है। कांग्रेस अच्छी तरह समझ ले कि अब वनवासी समाज जागृत हो चुका है। वह अपने धर्म संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी वनवासी समाज के अस्तित्व की लड़ाई में हमेशा उनके साथ है।
बता दें कि नए साल के ठीक एक दिन पहले नारायणपुर में सर्व वनवासी समाज को मतांतरण कराए जाने की जानकारी मिली थी। इसको लेकर समाज के लोगों ने विरोध जताया। जहां उनके साथ मारपीट की गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे।
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