उत्तराखंड : कौन है हल्द्वानी रेलवे के अवैध कब्जेदार ? क्या सच है ? क्या झूठ ?
Monday, March 27, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

उत्तराखंड : कौन है हल्द्वानी रेलवे के अवैध कब्जेदार ? क्या सच है ? क्या झूठ ?

आईजी ने कहा हाईकोर्ट के आदेश पर हम तैयार है, पहुंचने लगी है पुलिस फोर्स। अब सुप्रीम कोर्ट पर है सभी की नजर। अतिक्रमणकारियों को लेकर मुस्लिम नेता और एक्टिविस्ट अपने-अपने नेरेटिव का खेल, खेल रहे है।

दिनेश मानसेरा by दिनेश मानसेरा
Jan 3, 2023, 07:27 pm IST
in भारत, उत्तराखंड
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

रेलवे स्टेशन और रेल लाइन किनारे अवैध रूप से बसे सवा चार हजार से ज्यादा परिवारों को अपने कब्जे या तो छोड़ने होंगे या फिर इन्हे हटाया जाएगा। ऐसा हाई कोर्ट का आदेश है जिसकी मुनादी रेलवे और नगर प्रशासन  करवा चुका है। अवैध कब्जेदारो ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय का रुख किया है जहां अब पांच जनवरी को सुनवाई होनी है।

कौन है अवैध कब्जेदार ? कैसे और कब  बसे ?

रेलवे की जमीन पर चार हजार से ज्यादा लोग कैसे और कब आकार काबिज हुए इसके लिए आजादी के आसपास का इतिहास देखना पड़ता है। रेलवे लाइन के दूसरी तरफ गौला नदी बहती है इस नदी से जो पत्थर निकलता था उसको तोड़ कर रेलवे लाइन पर बिछने वाली गिट्टी बनाई जाती थी, अंग्रेजी शासन काल में और इसके बाद भी ये काम यहां होता था और ये गिट्टी फिर माल गाड़ी में भरकर मैदानों को भेजी जाती थी। इस काम के लिए रामपुर के ठेकदारों के मजदूर यहां लाए गए थे और वे नदी किनारे ये काम करते थे और वे फिर यहीं झोपड़ियां बना कर रेल लाइन के पास रहने लगे। इन झोपड़ियों ने धीरे धीरे पक्के मकानों का रूप ले लिया। रेलवे स्टेशन के बराबर में गफूर बस्ती जिसे ढोलक बस्ती भी कहा जाता है, यहां ढोलक बनाने वाले खाना बदोश आकार रहते थे, गौला में मजदूरी की लालच में वे भी यहां आकर बस गए, वोट बैंक की राजनीति ने यहां उनके नाम वोटर लिस्ट में डलवा दिए और ये लोग अवैध कब्जेदार तो रहे लेकिन इन्हें राजनीतिक संरक्षण मिलने लगा। खास तौर पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का वोट बैंक ये इस लिए बन गए क्योंकि यहां काबिज ज्यादातर लोग मुस्लिम समुदाय से थे।

सालों से चल रहे है अवैध कब्जेदारी के मामले

रेलवे और यहां कब्जेदारी में रह रहे लोगो के बीच इज्जत नगर रेलवे महाप्रबंधक के यहां,जिला अदालत से लेकर हाई कोर्ट,सुप्रीम कोर्ट तक कई मामले पिछले पैंतीस सालो से चल रहे थे, अवैध रूप से बसे लोगो का कोई संगठन नहीं था इस लिए हर कोई अपने अपने केस की पैरवी करता रहा, जो नोटिस मिलने के बाद कोर्ट नही गए उनके खिलाफ एक तरफा निर्णय हो गए। यही लोग आज ये कह रहे है कि कोर्ट में हमारी सुनवाई नहीं हुई। जबकि 2007 में भी ये मामला हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया तब प्रशासन और सरकार की इच्छा शक्ति इस मामले में जवाब दे गई, 2016 से ये मामला एक जनहित याचिका दायर होने के बाद से खुलने लगा और इस बार हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया । कुछ साल पहले जो लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को कहा था कि सबके पक्ष को सुना जाए, वहां सुनवाई भी हुई, कुछ लोग कोर्ट भी पहुंचे कुछ आर्थिक वजहों से नही गए और अब जब हाई कोर्ट ने जमीन खाली करने का  फैसला सुना दिया तो मुद्दा मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति से जोड़ कर देखा जाने लगा, जबकि हकीकत ये है अवैध कब्जेदारों में हिंदू समुदाय के लोग भी है और इनके मंदिर भी और स्कूल भी है।

रेलवे की जमीन की हद

अभी तक हल्द्वानी या काठगोदाम में दिन में चार या पांच ट्रेन ही आती है जिनके खड़े करने की जगह रेलवे के पास नही है,कुछ ट्रेन हाथो हाथ वापसी करती है ,रेलवे अपनी जगह खाली करवा कर वहां ट्रेन पार्किंग, उनकी सफाई की व्यवस्था करना चाहता है, यही वजह है कि उसने अपनी जगह खाली करवाने के लिए आ रहे करीब २३ करोड़ रु के खर्च को जिला नैनीताल प्रशासन के समक्ष जमा करवाया  है और हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट तक कई बरस तक इस लड़ाई को लड़ा है। रेलवे स्टेशन से करीब २.२ किमी तक पटरी किनारे 4365 अवैध कब्जेदार सन 2016 से रेलवे ने चिन्हित कर नोटिस दिए थे। पटरी से पन्द्रह मीटर दोनो तरह रेलवे अपनी जमीन खाली करवाना चाहता हैं। जिसकी पैमाईश करीब 29 एकड़ बताई गई है।

अब फिर से सुप्रीम कोर्ट की तरफ नजर

रेलवे की जमीन से अवैध कब्जे हटाने के लिए  जहां एक ओर प्रशासन ने कमर कसी हुई है वहीं स्थानीय कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश पीड़ित पक्ष को साथ लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए है। स्वाभाविक है कि ये एक बड़ा कांग्रेस का वोट बैंक है, कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद इसकी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे है, कोर्ट में पांच जनवरी को सुनवाई होनी है। लोगो की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की ओर लगी हुई है, यहां 4365 परिवारों के करीब पंद्रह हजार लोगो को यहां से हटना है या रुकना है ये कोर्ट के आदेश पर निर्भर रहेगा।

मीडिया पर अलग अलग है प्रचार

सोशल मीडिया पर प्रभावित मुस्लिम लोगो की संख्या पच्चास हजार तक बताई जा रही है जबकि ये संख्या मुस्लिम समुदाय की करीब दस हजार है और करीब दो हजार हिंदू समुदाय से है।अतिक्रमण की जद में निजी भवन ही नही,स्कूल, मस्जिद मजार मंदिर भी है। जब आंदोलन होता है तो उसमे हर मुस्लिम परिवार कों शामिल होने का आह्वान किया जाता है जिसकी वजह से सोशल मीडिया में भीड़ ज्यादा दिखती है, जिसको लेकर मुस्लिम नेता और एक्टिविस्ट अपने नेरेटिव का खेल खेल रहे है।

पुलिस प्रशासन है तैयार : आईजी नीलेश भरणे

हल्द्वानी- रेलवे अतिक्रमण को लेकर पुलिस ने पूरी की अपनी सभी तैयारी पूरी कर ली है।आईजी कुमाऊँ नीलेश आनंद भरणे ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 कंपनी पैरामिलिट्री और पांच कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स की मांग हमने की थी, फोर्स आने लगी है और 8 जनवरी तक पूरी फोर्स हल्द्वानी पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि गढ़वाल रेंज से भी  पुलिस के अधिकारी और सिपाहियों की मांग की गई है।

माहौल खराब करने कोशिश करने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है। बनभूलपुरा क्षेत्र के सभी असलहे जमा करवा लिए गए है। हिस्ट्रीशीटर लोगो की परेड करवाई जा रही है। सोशल मीडिया की भी लगातार पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी हम ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से हालात पर  नजर रखी हुई है।

आईजी डा.नीलेश भरणे ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों का पूरी तरह से पालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेहतर तो यही है मुनादी हो जाने के बाद लोग खुद ही अपना अवैध कब्जा छोड़ दे।

 

Topics: रेलवे के अवैध कब्जेदाररेल लाइन किनारे अवैध कब्जाuttarakhand newsillegal occupiers of Haldwani Railwayउत्तराखंड समाचारencroachment on railway landNational Newsillegal occupiers of railwayराष्ट्रीय समाचारillegal occupation along the railway lineहल्द्वानी समाचारHaldwani Newsहल्द्वानी रेलवे के अवैध कब्जेदारउत्तराखंड में रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जारेलवे की भूमि पर अतिक्रमण
Share30TweetSendShareSend
Previous News

एटा में 10 परिवारों ने घर वापसी कर अपनाया सनातन धर्म, 28 साल पहले बना दिए गए थे इसाई, अब मतांतरण ना करने की ली शपथ

Next News

जनप्रतिनिधियों की अभिव्यक्ति की आजादी पर अतिरिक्त पाबंदी लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

संबंधित समाचार

उत्तराखंड : G-20 की बैठक से पहले संदिग्ध पन्नू की कॉल्स ने मचाया हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस-प्रशासन की टीम

उत्तराखंड : G-20 की बैठक से पहले संदिग्ध पन्नू की कॉल्स ने मचाया हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस-प्रशासन की टीम

उत्तराखंड : देहरादून, हल्द्वानी और नैनीताल सहित कई नगरों में निकला RSS का पथ संचलन

उत्तराखंड : देहरादून, हल्द्वानी और नैनीताल सहित कई नगरों में निकला RSS का पथ संचलन

उत्तराखंड : निर्माणधीन देहरादून दिल्ली एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम धामी

उत्तराखंड : निर्माणधीन देहरादून दिल्ली एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम धामी

गुवाहाटी : कन्वर्ट हुए लोगों का जनजाति सूची से हटे नाम, विशाल जनसभा में भरी हुंकार

गुवाहाटी : कन्वर्ट हुए लोगों का जनजाति सूची से हटे नाम, विशाल जनसभा में भरी हुंकार

सावरकर से खुद की तुलना न करें राहुल, पहले पढ़ें इंदिरा गांधी का पत्र : अनुराग ठाकुर

सावरकर से खुद की तुलना न करें राहुल, पहले पढ़ें इंदिरा गांधी का पत्र : अनुराग ठाकुर

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में 250 करोड़ से ज्यादा का घोटाला, विजलेंस जांच में हुआ खुलासा

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में 250 करोड़ से ज्यादा का घोटाला, विजलेंस जांच में हुआ खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान : मुफ्त आटे के लिए मची भगदड़, पुलिस के लाठीचार्ज-हवाई फायरिंग में कई घायल

पाकिस्तान : मुफ्त आटे के लिए मची भगदड़, पुलिस के लाठीचार्ज-हवाई फायरिंग में कई घायल

राजीव प्रकाश मधुकर और पुलिस द्वारा जारी किया गया दिशानिर्देश

बिहार में हिंदू त्योहारों पर 75 डेसिबल से अधिक आवाज पर रोक, लेकिन अजान पर क्यों नहीं ?

पाकिस्तान: रमजान में ली महंगाई ने जान

पाकिस्तान: रमजान में ली महंगाई ने जान

जी-20 : कल से मुंबई में होगी व्यापार व निवेश कार्य समूह की पहली बैठक

जी-20 : कल से मुंबई में होगी व्यापार व निवेश कार्य समूह की पहली बैठक

महान क्रांतिकारी बुधु भगत, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ किया था लरका विद्रोह

महान क्रांतिकारी बुधु भगत, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ किया था लरका विद्रोह

जावेद अख्तर (फाइल चित्र )

संघ की तुलना तालिबान से करने पर जावेद अख्तर की परेशानी बढ़ी

अर्घ्य के साथ नववर्ष का स्वागत

अर्घ्य के साथ नववर्ष का स्वागत

ट्रेन से 11 लाख रुपये से अधिक का दर्द निवारक इंजेक्शन बरामद

ट्रेन से 11 लाख रुपये से अधिक का दर्द निवारक इंजेक्शन बरामद

जेल में बंद अब्बास अंसारी उसकी पत्नी निखत बानो के मिलन कांड में बड़ी कार्रवाई, शाहबाज आलम गिरफ्तार

जेल में बंद अब्बास अंसारी उसकी पत्नी निखत बानो के मिलन कांड में बड़ी कार्रवाई, शाहबाज आलम गिरफ्तार

अक्षय तृतीया पर इस शुभ मुहूर्त में खुलेंगे यमुनोत्री धाम के कपाट

अक्षय तृतीया पर इस शुभ मुहूर्त में खुलेंगे यमुनोत्री धाम के कपाट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies