पाकिस्तान में बसे हिन्दुओं के मन में बरसों से एक साध थी कि अपने स्वर्ग सिधारने वाले परिजनों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर सकें। अब उनकी यह कामना संभवत: पूरी होने जा रही है। भारत सरकार ने ऐसा संकेत दिया है। इसके बाद लगता है पाकिस्तानी मृत हिंदू के परिवार के सदस्यों को मृतक की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने के लिए भारत 10 दिन का विशेष वीसा देने का फैसला करने जा रही है। पाकिस्तान के समाचार पत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस संबंध में विस्तृत समाचार प्रकाशित किया है।
बताया गया है कि भारत की मोदी सरकार ‘स्पॉन्सरशिप पॉलिसी’ में संशोधन करने जा रही है। ऐसा होता है तो पाकिस्तान में अभी तक सहेजीं 426 पाकिस्तानी हिंदुओं की अस्थियां भी गंगा में विसर्जित करने का रास्ता खुल जाएगा। हिन्दू समुदाय के उक्त मृतकों का अंतिम संस्कार तो पाकिस्तान में पहले हो चुका है, लेकिन उनकी अस्थियां को उनके स्वजनों ने इस उम्मीद से कराची में हिंदू मंदिरों तथा श्मशान में सहेजा हुआ है कि एक दिन उन्हें भारत जाकर इन अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने की अनुमति मिल जाएगी, क्योंकि हिंदू धर्म में मान्यता है कि मृतक की अस्थियां गंगा में प्रवाहित होने से उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। अब संभवत: यह साध पूरी होने जा रही है।
पाकिस्तान के मशहूर अंग्रेजी दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के समाचार से पता चलता है कि सरकार ने इस बात की तरफ इशारा किया है कि मृत हिंदू के परिजनों को उसकी अस्थियां गंगा में विसर्जित करने के लिए भारत की तरफ से 10 दिन के लिए वीसा जारी किया जाएगा। लेकिन इसमें एक शर्त यह होगी कि भारत आने के लिए उस परिवार का कोई सदस्य भारत में बसा हो अथवा यहां का उनका कोई रिश्तेदार उनकी इस यात्रा को प्रायोजित करे।
पाकिस्तान द्वारा जिहाद को पोसने और उसे अपनी ‘राज्य नीति का अंग’ बनाए रखने के विरोध में भारत ने फिलहाल उस देश के साथ कूटनीतिक के साथ ही अन्य सभी प्रकार के आधिकारिक संबंध निरस्त किए हुए हैं। इसके बावजूद इस कदम की पाकिस्तानी मीडिया में सराहना हो रही है। 2019 से ही दोनों देशों के बीच कारोबार निरस्त है। ऐसी स्थिति में अगर भारत सरकार यह सुविधा देती है तो यह तारीफ की बात है।
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