गत दिसंबर तक सासाराम (बिहार) के जमुहार में ‘स्व, स्वतंत्रता और प्रतिरोध : अतीत से वर्तमान तक’ विषय पर एक गोष्ठी आयोजित हुई। भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद और अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के तत्वावधान में आयोजित इस गोष्ठी का उद्घाटन केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने किया। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास हजारों साल पुराना है, लेकिन हम सभी को यह नहीं पढ़ाया गया।
इस संगोष्ठी से भारत का प्राचीन गौरव और इतिहास समाज के सामने आएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री सुरेश सोनी ने कहा कि अपने स्व को जागृत कर पुरातन संस्कृति और इतिहास को सही मायने में प्रस्तुत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गैर-हिंदू विचारधारा के लोगों द्वारा सैकड़ों सालों तक भारतीय संस्कृति को नुकसान पहुंचाया गया, लेकिन अब उसका प्रतिरोध शुरू हो गया है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष देवी प्रसाद सिंह ने कहा कि लिखने में ‘इंडिया’ का नहीं भारत का प्रयोग करें। कालगणना का प्रयोग करें। गोष्ठी में तीन दिन तक अनेक इतिहासकारों ने अपने विचार रखे। एक सत्र में गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि भारतीय इतिहास में सिर्फ पिछले 400 साल का इतिहास पढ़ाया जाता है, जबकि भारत का इतिहास हजारों साल पुराना है। अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, बिहार के अध्यक्ष प्रो राजीव रंजन ने कहा कि स्व से स्वतंत्रता को जोड़ने से देश अपना गौरव पा सकता है।
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