नरेंद्र मोदी लगभग आठ वर्ष से प्रधानमंत्री हैं। इस दौरान उन्होंने एक दिन भी सरकारी कार्य से अवकाश नहीं लिया। इससे पहले वे अक्तूबर, 2001 से लेकर मई, 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय भी उन्होंने कभी कोई छुट्टी नहीं ली थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन—रात देश की सेवा में लगे हैं। वे करीब 22 वर्ष से लगातार सेवा कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने आज तक कोई सरकारी अवकाश नहीं लिया है। यहां तक उन्होंने अपनी मां हीरा बा के निधन पर भी छुट्टी नहीं ली। 30 दिसंबर को तड़के उनकी मां का निधन हुआ। सूचना मिलते ही नरेंद्र मोदी नई दिल्ली से गांधीनगर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने हर वह कर्म किया, जो एक पुत्र का कर्तव्य है। उन्होंने मां की अर्थी को कंधा दिया। इस दौरान वे नंगे पैर रहे। जिस एम्बुलेंस से शव को श्मशान घाट ले जाया गया, उसी में बैठकर वे श्मशान घाट पहुंचे। वहां उन्होंने मां को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार संपन्न होने के बाद उन्होंने श्मशान घाट पहुंचे हर व्यक्ति के सामने हाथ जोड़कर उनका आभार व्यक्त किया।
इसके कुछ समय बाद ही वे एक प्रधानमंत्री के रूप में आ गए। वे गांधीनगर से ही कोलकाता में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से हावड़ा—न्यू जलपाईगुड़ी वंदेभारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा उन्होंने राज्य में 7,800 करोड़ रु से अधिक की विभिन्न रेलवे और अन्य योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उनके चेहरे को देखकर कभी भी यह अहसास नहीं हुआ कि यह वही चेहरा है, जो कुछ घंटे पहले ही अपनी मां के निधन से दुखी था।
इसके कुछ देर बाद वे कोलकाता में ही आयोजित राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक में आनलाइन शामिल हुए। सबसे पहले उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी लोगों से माफी मांगते हुए कहा कि व्यक्तिगत कारणों से कोलकाता नहीं आ पाया।
यही नहीं, वे अपने लिए सरकारी पैसे भी खर्च नहीं करते हैं। बता दें कि वे नई दिल्ली में सरकारी आवास पर रहते हैं, लेकिन खाने—पीने में सरकारी पैसा खर्च नहीं करते हैं। आरटीआई से मिली एक जानकारी के अनुसार नरेंद्र मोदी अपने पैसे से ही खाना खाते हैं। जबकि एक प्रधानमंत्री के नाते उनके लिए हर सुविधा है, लेकिन बहुत ही आवश्यक वाली सुविधाओं को ही वे लेते हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते नरेंद्र मोदी को जो वेतन मिला था, उसमें से भी अधिकांश राशि वे दान कर चुके हैं। यह बात उन्होेंने 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक साक्षात्कार बताई थी। दिल्ली आने से पहले उन्होंने एक न्यास बनवाया और उसमें अपने वेतन की अधिकांश राशि डाल दी। यह राशि मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत छोटे कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और अन्य कार्य में काम आ रही है।
ऐसा व्यवहार कोई साधारण व्यक्ति नहीं दिखा सकता है। निश्चित रूप से नरेंद्र मोदी असाधारण व्यक्ति हैं। यही कारण है कि वे असाधारण कार्य भी कर रहे हैं।
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