उत्तर प्रदेश के बरेली में मुस्लिम युवती ने सनातन धर्म अपनाकर एक हिंदू युवक से विवाह कर लिया है। विवाह के बाद युवती ने कहा कि उसे सनातन धर्म में पहले से ही आस्था थी। इसलिए उसने सोच समझ कर सनातन धर्म को अपनाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिजनौर की रहने वाली युवती अमरीना ने बीते सोमवार यानि 26 दिसंबर को बरेली स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम में सनातन धर्म को स्वीकार कर पप्पू नामक हिंदू युवक से विवाह कर लिया साथ ही अमरीना ने अपना नाम बदलकर राधिका रख लिया। घर वापसी से लेकर विवाह की सभी वैदिक क्रियाओं को आचार्य पंडित केके शंखधार ने संपन्न कराया।
परिजनों की धमकियों के चलते लिया फैसला
अमरीना से राधिका बनी युवती ने बताया कि उसके प्रेम प्रसंग को लेकर लगातार उसके परिवार वाले धमकी दे रहे थे। इसी वजह से उसने अपना घर, मजहब और परिवार छोड़ दिया है। उसने कहा कि वह कानून बालिग है और उसे अपने हित के फैसले लेना का अधिकार है। अब वह हिंदू बनकर खुश है, और हमेशा ही हिंदू बनकर रहेगी।
यह भी पढ़े- दो मुस्लिम लड़कियों ने अपनाया सनातन धर्म, कहा- “वहां नहीं मिलता सम्मान, कभी भी दे देते हैं तलाक, फिर करते हैं हलाला”
वहां तीन तलाक देखर घर से निकाल दिया जाता है
राधिका ने आगे कहा कि सनातन धर्म में तीन तलाक नहीं दिया साथ यहां रिश्तों को सात जन्म तक निभाने की मान्यता है। लेकिन जहां से मैं आई हूँ वहां तो पता ही नहीं चलता कि कब तीन तलाक देकर बाहर निकाल दिया जाए। राधिका ने आगे बता कि उसके पड़ोस में रहने वाली एक युवती का निकाह 5 वर्ष पूर्व हुआ था उसे उसके शौहर ने मार-मारकर 3 तलाक दिया फिर घर से बाहर निकाल दिया। युवती ने बताया कि उसने यह विवाह अपने सुखद भविष्य को देखते हुए किया है और खुद की मर्जी से किया है। जहां भी पप्पू चाहेंगे हम वहां रहकर गुजर बसर कर लेंगे।
एक मिस कॉल से हुआ प्यार
पप्पू से परिचय को लेकर राधिका ने बताया कि उसका पति रामपुर से लगे हुए एक गांव में रहता है। लगभग 2 वर्ष पूर्व अक्टूबर माह में उसके फोन में एक मिस कॉल से दोस्ती हुई और धीरे धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई। जब यह बात परिवार को पता चली तो परिजनों ने विरोध कर धमकाना शुरू कर दिया जिसके बाद दोनों ने जीवन भर साथ रहने का फैसला करते हुए अपना घर छोड़ दिया।
पहले भी कई मुस्लिम युवतियों ने अपनाया है सनातन धर्म
बता दें कि इससे पहले बीते 30 नवंबर को इसी अगस्त मुनि आश्रम में दो मुस्लिम युवतियों इरम जैदी और शहनाज ने इस्लाम में सम्मान न मिलने की बात कहते हुए सनातन धर्म को स्वीकार कर अपना नाम स्वाती और सुमन रख लिया था।
सुरक्षा की लगाई थी गुहार
इसके बाद दोनों युवतियों ने हिंदू युवकों से मंदिर में विधि-विधान के साथ विवाह भी किया। युवतियों ने इस्लाम छोड़कर सनातन अपनने को लेकर कहा कि “हिंदू धर्म में हमारी आस्था है। मुस्लिम समाज में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता। वहां जब चाहते हैं। 3 बार तलाक बोल देते हैं और फिर हलाला करते हैं।” वहीं इसके बाद नव विवाहित दंपती ने जान का खतरा जताते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी।
टिप्पणियाँ