नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा हल्द्वानी की रेलवे की भूमि पर काबिज अतिक्रमणकारियों को 1 सप्ताह के भीतर हटाए जाने के आदेश देने के बाद आज प्रशासन ने सर्किट हाउस में रेलवे के अधिकारियों के साथ मिलकर हाई प्रोफाइल समन्वय बैठक की। बैठक में कुमाऊं कमिश्नर, डीएम, एसएसपी और रेलवे के एडीआरएम सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद रेलवे के अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर बैठक में विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि 28 दिसंबर से अतिक्रमण कार्यों को मुनादी कराने के साथ ही उसी दिन से पिलर बंदी भी की जाएगी। प्रशासन और रेलवे द्वारा 78 एकड़ भूमि पर लगभग 4363 घरों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया जाना है। अतिक्रमण हटाए जाने का पूरा मास्टर प्लान तैयार किया गया है।
इसके अलावा अतिक्रमण क्षेत्र में ड्रोन कैमरे और वीडियो कैमरे से निगरानी रखी जाएगी। हाई प्रोफाइल बैठक में पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों के अनुरूप ही अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई की जाएगी। सबसे पहले मुनादी व पिलर बंदी होगी और फिर अतिक्रमण हटाकर ध्वस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं, रेलवे की तरफ से आए एडीआरएम विवेक गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए राज्य सरकार के साथ समन्वय बैठक में पूरा प्लान बना लिया गया है। अतिक्रमण को हटाने में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी, बैरिकेडिंग व अन्य खर्चों के वहन की सहमति रेलवे के अपर मण्डल प्रबन्धक विवेक गुप्ता द्वारा दी गई।
कानून व्यवस्था बाधित न हो और शांति पूर्वक तरीके से अतिक्रमण हटाओ अभियान को चलाया जाए, इसके लिए व्यापक फोर्स और रेलवे पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा व्यवस्था किए जाने को लेकर बातचीत की गई है। रेलवे अपनी इस जमीन को खाली करवाने में 35 करोड़ खर्च कर रही है।
बैठक में वरिष्ठ मण्डल अभियंता समन्वयक अरुण कुमार, वरिष्ठ मण्डल संरक्षक ऋषि पांडेय, पुलिस अधीक्षक क्राइम डॉ जगदीश चन्द्र, हरबंस सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ भागीरथी जोशी, अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी, अशोक जोशी, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उपजिलाधिकारी हल्द्वानी मनीष सिंह, मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
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