राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सीमा पार व्यापार और आतंकी फंडिंग मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। आरोपियों की पहचान तनवीर अहमद वानी, पीर अरशद इकबाल और बशीर अहमद सोफी के रूप में हुई है। सभी जम्मू और कश्मीर के निवासी हैं, जिनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) की धारा 17, 20, 21, 39 और 40 के तहत चार्जशीट दायर किया की गई।
एनआईए ने एक बयान में कहा कि 16 दिसंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बीच क्रॉस लाइन ऑफ कॉन्ट्रोल (एलओसी) व्यापार के माध्यम से मुनाफाखोरी और धन के उत्पादन के लिए मामला दर्ज किया गया था और उस धन का उपयोग केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
एनआईए ने कहा कि कई दस्तावेजों की जांच के बाद यह पता चला है कि अतिरिक्त आयात और व्यापारियों द्वारा आयातित बादाम के कम चालान से असाधारण मुनाफा कमाया गया था। यह भी पाया गया है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के क्रॉस-एलओसी व्यापारियों में से कुछ पार किए गए आतंकवादी हैं और आतंकवादी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम) द्वारा समर्थित थे। व्यापार को अप्रैल 2019 में निलंबित कर दिया गया था।
एनआईए ने कहा कि व्यापार वस्तु विनिमय प्रणाली पर आधारित था और इसमें पैसे का कोई लेन-देन शामिल नहीं था। जांच से पता चला कि आरोपी व्यक्ति तनवीर अहमद वानी और पीर अरशद इकबाल क्रॉस-एलओसी व्यापारी थे और कई क्रॉस-एलओसी व्यापार फर्मों को संभाल रहे थे, जो उनके और उनके दोस्तों, रिश्तेदारों, कर्मचारियों आदि के नाम पर पंजीकृत थे।
दोनों अभियुक्तों ने निर्यात की तुलना में अधिक आयात करके और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित क्रॉस एलओसी व्यापारियों से आयातित बादाम के अंडर-इनवॉइसिंग द्वारा आतंकी धन जुटाया। एनआईए ने कहा कि जांच से पता चला है कि दोनों आरोपी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित सीमा पार हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ भी व्यापारिक संबंध में थे। एजेंसी ने कहा कि आतंकवादी धन जुटाने के बाद आरोपी तनवीर अहमद वानी ने हिजबुल मुजाहिदी और जैश-ए-मोहम्मद के विभिन्न आतंकवादियों को नकद धन मुहैया कराया था।
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