हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को अपनी बहुमत से सरकार बनाने का मौका तो मिल गया और उसने मुख्यमंत्री के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू को और उप मुख्यमंत्री के रूप में मुकेश अग्निहोत्री को शपथ भी दिला दी, लेकिन शेष मंत्रियों को शपथ दिलाने में हिमाचल के सीएम के पसीने छूट गए हैं।
जानकारी के मुताबिक सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने चहेते विधायकों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं और उन्होंने इसकी सूची भी राज्य प्रभारी राजीव शुक्ला के जरिए हाई कमान को भेजी, लेकिन उनकी सूची वहां इसलिए अटक गई क्योंकि उनके विरोधी गुट यानी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने अपने खेमे के विधायकों को मंत्री बनाने के लिए हाई कमान को सिफारिश भेजी हुई थी।
विरोधी खेमा का तर्क यही था उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है तो उनके विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान जरूर मिलना चाहिए। खबर है कि प्रतिभा सिंह ने कम से कम 6 मंत्रियों की मांग की है। जबकि सुक्खू उनमें से तीन विधायक को मंत्री पद देना चाहते हैं। प्रतिभा सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री वीर भद्र सिंह के परिवार से हैं और उनका हिमाचल की राजनीति में जबरदस्त दबदबा रहता आया है।
इसी झगड़े के बीच उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी अपने दो विधायकों को मंत्री बनवाना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि मुकेश अग्निहोत्री पिछली बार प्रतिपक्ष के नेता थे और इस बार वे भी अपने को सीएम पद के दावेदार मानते रहे हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री बनने के दो हफ्ते बीतने के बाद भी सुक्खू अपने मंत्रिमंडल को शपथ नहीं दिलवा पा रहे हैं। कांग्रेस हाई कमान को भय है कि यदि बीच के रास्ते नहीं निकले तो कहीं कांग्रेस पार्टी की सरकार पर कोई ग्रहण नहीं लग जाए, जिसकी ताक में बीजेपी भी बैठी हुई है।
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