उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एसआईटी जांच में 219 मदरसे कागजों पर चलते हुए पाए गए हैं। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट में ऐसे मदरसों के प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की गई है।
39 मदरसे ऐसे हैं, जिनको आधुनिकीकरण के नाम पर सरकारी भुगतान हुआ। 2017 में सरकार ने मदरसा पोर्टल लागू किया। पोर्टल में अल्पसंख्यक विभाग को मदरसों की जानकारी अपलोड करनी थी। जांच के बाद पता चला 313 मदरसे मानक के विपरीत चल रहे हैं। सत्यापन के दौरान 12 मदरसों ने मानकों पूरा किया। दूसरे चरण इस बार बचे मदरसों की जांच की गई। 301 मदरसों में 219 मदरसे फिर से मानक विहीन मिले। जो कागजों पर चल रहे थे।
अल्पसंख्यक विभाग के वक्फ इंस्पेक्टर मनोज कुमार राय ने बताया कि डीएमडब्लूओ लालमन व प्रभात कुमार के साथ तत्कालीन रजिस्ट्रार जावेद असलम जांच में दोषी पाए गए। इन पर मदरसों को लाभ और वित्तीय मदद पहुंचाने का आरोप है। मदरसों के प्रबंधकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की संस्तुति भी की गई है।
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