उत्तर प्रदेश के कानपुर में जनपद काफी समय से एक बांग्लादेशी परिवार छिपकर रह रहा था। बांग्लादेशी रिजवान ने भारतीय पहचान पत्र भी बनवा लिया था। वो कई देशों की यात्रा भी कर चुका है। उसका पासपोर्ट कैसे बना। उसके पास इतना धन कहां से आया जबकि वो कोई काम नहीं करता है। उसकी आय का स्रोत क्या था। इस बारे में पुलिस छानबीन कर रही है। कुछ दिन पहले पुलिस ने रिजवान को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। रिजवान से आगे की पूछताछ करने के लिए पुलिस ने उसे कस्टडी रिमांड पर लिया है।
पुलिस ने न्यायालय से 14 दिन की कस्टडी रिमांड के मांग की थी मगर न्यायालय ने रिजवान की मात्र 9 घंटे की ही कस्टडी रिमांड मंजूर की। बता दें कि कानपुर पुलिस ने बांग्लादेशी रिजवान और उसके परिवार के चार सदस्यों को गत 11 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इन लोगों के कब्जे से विदेशी मुद्रा, एक बांग्लादेशी और दूसरा भारतीय पासपोर्ट, एवं फर्जी आधार कार्ड मिले थे। अभियुक्त भारत में भारतीय पहचान बताने के लिए भारतीय आधार कार्ड दिखाते थे। इरफान सोलंकी द्वारा प्रमाणित किया पत्र मिला था। इसके साथ ही एक पार्षद मन्नू रहमान द्वारा प्रमाणित किया हुआ पत्र मिला था।
जानकारी के अनुसार सीसामऊ विधानसभा से विधायक हाजी इरफान सोलंकी ने प्रमाणित किया था कि व्यक्तिगत तौर पर वे रिजवान को जानते हैं। इरफ़ान सोलंकी ने इन लोगों का भारतीय होना प्रामाणित किया था। विधायक इरफ़ान के हस्ताक्षर की जांच कराई जा रही है। एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। मुख्य अभियुक्त के तीन आधार कार्ड मिले थे जिसमें नाम एक ही जैसा है, केवल पता अलग अलग है। परिवार के सभी सदस्यों के दो-दो पासपोर्ट बरामद किये गए थे।
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