हिंदुओं के तीर्थस्थल भगवान बदरीनाथ धाम से कुछ किलोमीटर पहले चमोली शहर में मस्जिद बनाए जाने का मामला सामने आया है, जहां बिना प्रशासन की अनुमति के मुस्लिमों ने नंद बाजार में मस्जिद बनाने के लिए दीवार खड़ी कर दी। इस पर गुस्साए लोगों ने दीवार गिरा दी है।
इस पर मुस्लिमों का कहना है कि वो यहां शौचालय बना रहे हैं, जबकि हिंदू संगठनों का कहना है कि कुछ साल पहले भी यहां मस्जिद बनाने की कोशिश हुई थी, जिसका विरोध हुआ था। हंगामा होने के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले में भूमि स्वामित्व को लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
चमोली जिले में महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल हैं। भगवान बदरीनाथ के साथ-साथ यहां जोशीमठ में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित शंकराचार्य का गद्दी स्थल है। साथ ही आदि बद्री, योग ध्यान बद्री, भविष्य बद्री, गोपेश्वर, रुद्रनाथ मंदिर भी हिंदू आस्था के केंद्र हैं। सनातन धार्मिक केंद्रों में पिछले कुछ सालों से मुस्लिम कट्टरपंथी लोग मस्जिद, मजार बनाने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
ऐसी ही एक घटना चमोली के नंद नगर चौकी क्षेत्र में हुई, जहां मुस्लिमों द्वारा विवादास्पद जमीन पर मस्जिद बनाए जाने का षड्यंत्र रचा गया। जिसके बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने उक्त दीवार को गिरा दिया। जानकारी के मुताबिक आज से कुछ साल पहले भी यहां रहने वाले मुस्लिमों ने मस्जिद बनाए जाने का प्रयास किया था। तब भी स्थानीय लोगों ने इसका भारी विरोध करके काम रुकवा दिया था।
ये खबर जिला मुख्यालय गोपेश्वर में बैठे पुलिस-प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक पहुंची तो तहसीलदार धीराज राणा और कोतवाल कुलदीप रावत को मौके पर भेजा गया। जिनके सामने हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि यहां मस्जिद के लिए दीवार बनाई जा रही थी, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस पर वहां मौजूद मुस्लिम लोगों ने इसका विरोध भी किया और कहा कि ये उनकी निजी जमीन है और वो यहां शौचालय और स्नानगृह का निर्माण कर रहे हैं। जिसपर हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि यहां बजू स्थल बनाया जा रहा है और यहां ये लोग नमाज भी पढ़ते हैं। हिंदू संगठनों के लोग इस बात पर अड़े रहे कि बिना डीएम की अनुमति के कोई भी धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता। ऐसा सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है। ऐसे में ये निर्माण सरकारी जमीन पर कैसे हो रहा है?
एसपी प्रमेंद्र डोभाल का बयान
इस बारे में चमोली जिले के पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल का कहना है कि यहां कुछ मुस्लिम परिवार रहते हैं और आयशा नाम की महिला जो कि आशा कार्यकर्ता है उनके द्वारा निर्माण कार्य करवाया जा रहा था, जिसे दूसरे समुदाय के लोगों ने तोड़ डाला। पुलिस मौके पर पहुंची थी और प्रशासन ने तहसीलदार के नेतृत्व में एक जांच टीम बना दी है जो कि भूमि संबंधी दस्तावेजों की जांच करेगी। निर्माण कार्य रोक दिया गया है। पुलिस टीम वहां मौके पर तैनात है और लोगों से शांति व्यवस्था की अपील की गई है।
टिप्पणियाँ