भारत की चीन नीति के वास्तुकार थे अटल जी
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

भारत की चीन नीति के वास्तुकार थे अटल जी

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का अंत हो और शांतिपूर्ण ढंग से हो।

by हितेश शंकर
Dec 19, 2022, 01:52 pm IST
in भारत, सम्पादकीय
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

1950 के दशक के अंत में संसद में भी अटल जी ने न केवल चीन के इरादों का पक्ष सामने रखा था, न केवल नेहरू के रक्षा मंत्री के इरादों पर संदेह जताया था, बल्कि नेहरू सरकार के चीन के प्रति दृष्टिकोण पर भी गंभीर सवाल उठाए थे।

अटल जी की जयंती पर जब हम उन्हें याद करते हैं, तो उनकी चीन नीति का स्मरण अपने-आप हो जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी चाहते थे कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का अंत हो और शांतिपूर्ण ढंग से हो। वास्तव में चीन के प्रति वाजपेयी जी की दृष्टि भारत की चीन नीति का एक निर्णायक पक्ष रही है। सरल शब्दों में कहा जाए, तो शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की आकांक्षा, लेकिन चीन की नीतियों और इरादों की पूरी समझ भी।

आजादी के फौरन बाद ही चीन के इन इरादों को भांप लेने वालों में सरदार पटेल भी थे और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी। चीन के भारत पर हमले के पहले भी इन नेताओं ने तत्कालीन नेहरू सरकार को बार-बार चेताया था। 1950 के दशक के अंत में संसद में भी अटल जी ने न केवल चीन के इरादों का पक्ष सामने रखा था, न केवल नेहरू के रक्षा मंत्री के इरादों पर संदेह जताया था, बल्कि नेहरू सरकार के चीन के प्रति दृष्टिकोण पर भी गंभीर सवाल उठाए थे।

यह खेद की बात है कि इनमें से किसी की भी बात से, किसी के भी पत्रों से और संसद में कही गई बातों से नेहरू सरकार की रूमानियत भरी नींद नहीं टूट सकी। हो सकता है कि इसी कारण चीन को यह गलतफहमी हुई हो कि भारत के नेतृत्व का व्यवहार हमेशा इसी प्रकार रहने वाला है। डोकलाम, गलवान और अब तवांग घाटी में चीन के इरादों पर पानी फेर कर भारत ने चीन की यह तंद्रा दूर कर दी होगी, ऐसी अपेक्षा की जानी चाहिए। आज समूचा विश्व जानता है कि चीन के तानाशाह चाहे जितने ही दबंग बनकर पेश होते हों, लेकिन वास्तव में तिब्बत, त्येनआनमन और ताइवान के शब्द सामने आते ही तुतलाने लगते हैं। वे निश्चित रूप से तानाशाह हैं, लेकिन अगर आम नागरिक भी हाथों में तख्तियां लेकर सड़क पर आ जाते हैं, तो ये तानाशाह भयभीत हो जाते हैं।

 

अटल जी की ही तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीन के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए अथक प्रयास किए हैं। अगर वाजपेयी चीन यात्रा करने वाले भारत के पहले विदेश मंत्री थे, तो मोदी भारत के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो पांच बार चीन की यात्रा कर चुके हैं। यह अपनी सावधानी में जरा भी चूक किए बिना संबंधों को सामान्य करने के इरादे की ही नीति का प्रतीक है।

पोकरण-2 के परमाणु परीक्षणों का इरादा स्पष्ट था कि अटल जी की सरकार ऐसी पुख्ता व्यवस्था कर देना चाहती थी कि चीन कभी भी भारत को परमाणु भभकी देने की स्थिति में ना आ सके। यह चीन को समझ सकने की दीर्घकालिक और व्यावहारिक दृष्टि का परिणाम था। लेकिन यही वाजपेयी यह भी चाहते थे कि सारे विवाद वार्ता से दूर हों और इसके लिए उन्होंने एक स्तर तक सफलता भी तब प्राप्त कर ली थी, जब चीन सीमा विवाद सुलझाने के लिए विशेष दूतों की व्यवस्था बनाने पर सहमत हो गया था। हालांकि अंतत: उसे भी चीन ने सिर्फ समय बिताने का एक औजार समझ लिया। चीन को अपनी विस्तारवादी मानसिकता से बाहर आने में कितना समय लगेगा, यह देखना होगा।

चाइना रिफॉर्म फोरम में सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज के निदेशक मा जियाली ने 2018 में अपने लेख में बताया कि कैसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को 1998 में परमाणु परीक्षण से लेकर 2003 में नई सीमा वार्ता प्रक्रिया शुरू करने तक भारत की चीन नीति का वास्तुकार माना जाता है। वे कहते हैं कि 2003 में वाजपेयी की चीन यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में काफी स्थिरता आई। वाजपेयी के शासनकाल के दौरान भारत-चीन के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में काफी सुधार हुआ था।

अटल जी की ही तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीन के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए अथक प्रयास किए हैं। अगर वाजपेयी चीन यात्रा करने वाले भारत के पहले विदेश मंत्री थे, तो मोदी भारत के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो पांच बार चीन की यात्रा कर चुके हैं। यह अपनी सावधानी में जरा भी चूक किए बिना संबंधों को सामान्य करने के इरादे की ही नीति का प्रतीक है।

वापस अटल जी पर लौटें, जिनकी जयंती का भी अवसर है, और जो पाञ्चजन्य के प्रथम संपादक भी थे। पाञ्चजन्य का यह विशेष अंक उन्हीं की स्मृतियों को समर्पित है। आज भारत आर्थिक विकास के क्षेत्र में विश्व भर में सबसे आगे है। भारत को इसी प्रकार भव्य बनाने में अटल जी का योगदान कितना निर्णायक था, पढ़िए इस अंक में…

@hiteshshankar

Topics: चीन नीतिFirst Editor of Panchjanyaपोकरण-2India Sectors of Economic Developmentपरमाणु परीक्षणचाइना रिफॉर्म फोरम सेंटरप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीपाञ्चजन्य के प्रथम संपादकभारत चीन सीमा विवादभारत आर्थिक विकास के क्षेत्रIndia China border disputeChina PolicyPrime Minister Narendra ModiDr. Syama Prasad Mukherjeeअटल बिहारी वाजपेयीPokhran-2atal bihari vajpayeeNuclear Testsडॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जीChina Reform Forum Center
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वन नेशन वन इलेक्शन पर सीएम धामी का बड़ा बयान, कहा- ‘यह सिर्फ सुधार नहीं, देशहित में क्रांति है’

WAVES 2025 : पीएम मोदी बोले – भारत बनेगा ग्लोबल क्रिएटिव पावरहाउस

इस्राएली खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के षड्यंत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा भी शामिल थे

अडाणी बहाना, मोदी निशाना!

Unknown facts about indus water treaty

सिंधु जल समझौते का अनजाना पक्ष

Manoj Muntshir Pahalgam terror Attack

पहलगाम आतंकी हमले पर मनोज मुंतशिर ने हिन्दुओं को झकझोरा, कहा-‘इतिहास सड़ी-गली लाशों को नहीं, विजय ध्वज गिनता है’

एनआईए के कब्जे में आतंकवादी तहव्वुर राणा

खुलेंगी साजिश की परतें !

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies