मनी लांड्रिंग के मुकदमे में प्रवर्तन निदेशालय को मुख्तार अंसारी की रिमांड मिल गई है । प्रयागराज की स्पेशल ईडी कोर्ट ने 10 दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर की है। मुख्तार अंसारी 23 दिसंबर दोपहर 2 बजे तक के लिए ईडी की कस्टडी रिमांड पर रहेगा। स्पेशल ईडी कोर्ट ने कहा है कि मुख्तार अंसारी को प्रताड़ित नहीं किया जायेगा। रिमांड की अवधि के दौरान मुख्तार अंसारी को अपने अधिवक्ता से मिलने की अनुमति होगी । कस्टडी रिमांड पर लेने से पहले मुख्तार अंसारी का मेडिकल भी कराना होगा। कोर्ट ने कहा है कि मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ईडी के कार्य में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचाएंगे।
मुख्तार अंसारी की कस्टडी रिमांड मिल जाने के बाद ईडी, मनी लांड्रिंग के मामले में पूछताछ करेगी। मार्च 2021 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया गया था। करीब एक वर्ष पहले जेल में ईडी ने मुख्तार अंसारी से पूछताछ की थी । मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी के खिलाफ भी ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच मुख्तार अंसारी को सात साल की सजा सुना चुकी है। एक जेलर को धमकाने के आरोप में मुख्तार अंसारी के खिलाफ़ लखनऊ के आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी को जनपद न्यायालय ने बरी कर दिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करते हुये मुख्तार अंसारी को दो वर्ष की सजा सुनाई। वर्ष 2003 में तत्कालीन जेलर एस।के अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में कहा गया था कि जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसके साथ ही उन्हें गाली देते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी।
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