केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि प्राथमिकी के मुताबिक एम्स के सर्वर यह हमला चीन से हुआ था। हैकर्स ने 100 सर्वर में से पांच को हैक कर लिया था। हालांकि अब इन पांचों सर्वर से डाटा वापस हासिल कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर को एम्स के सर्वर पर साइबर अटैक हुआ था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलीजेंस फ्यूजन स्ट्रैट्रिक आपरेशंस (आइएफएसओ) के मुताबिक हमले में इस्तेमाल ईमेल का आइपी एड्रेस हांगकांग आ रहा है। अटैक के कारण कुछ दिनों के लिए एम्स में ऑनलाइन सेवा बाधित रही। हालांकि मौजूदा समय में ज्यादातर ऑनलाइन सेवाएं फिर से बहाल कर दी गई हैं।
हैकिंग की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया था कि साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन के दो रैंसमवेयर ग्रुप- सम्राट ड्रैगनफ्लाई और ब्रॉन्ज स्टारलाइट (DEV-0401) इस हमले के पीछे हो सकते हैं। वहीं, दूसरा संदेह लाइफ नाम के एक ग्रुप पर था, जिसे वानारेन नामक रैंसमवेयर का नया वर्जन माना जा रहा है। जांच से यह भी पता चलता है कि हो सकता है कि हैकर्स ने बिक्री के लिए डेटा को डार्क वेब पर डालना शुरू कर दिया हो, क्योंकि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई थीं।
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