बच्चों में बढ़ती शराब और नशे की लत को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। इससे हम सभी का सरोकार है।
जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले को चीफ जस्टिस के पास भेजते हुए आग्रह किया कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लिए गए एक मामले के साथ सुनवाई की जाए। सुनवाई के दौरान एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से पेश वकील एच एस फुल्का ने कहा कि सामाजिक न्याय मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए कार्य योजना बनाई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है।
फुल्का ने कहा कि इस पूरे मामले में बेघर बच्चों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। उनके लिए भी विशेष प्रावधान करने की जरूरत है। इस पर जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि आप मंत्रालय द्वारा तैयार की गई योजना में खामी की बजाय आप यह कहना चाहते हैं कि इस मामले को और बेहतर बनाया जा सकता है। कोर्ट ने फुल्का को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
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