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दिल्ली में शिक्षकों के लिए हजारों पद खाली, हाईकोर्ट ने तलब की रिपोर्ट

बता दें कि उच्च न्यायालय ने 2001 में रिक्त पदों को शून्य करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक आदेश का पालन नहीं किया गया।

by WEB DESK
Dec 14, 2022, 04:00 pm IST
in दिल्ली
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली के सरकारी और नगर निगम के स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों के खाली पदों को नहीं भरे जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दिल्ली सरकार और निगम को इस बाबत हलफनामा दाखिल कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को भी हलफनामा दाखिल कर इस बारे में जानकारी देने को कहा है। न्यायालय ने इसके लिए सभी पक्षकारों को चार सप्ताह का समय दिया है।

बता दें कि गैर सरकारी संगठन सोशल ज्यूरिस्ट की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल द्वारा दाखिल अवमानना याचिका में सरकार और दिल्ली नगर निगम पर उच्च न्यायालय के 21 साल पुराने आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया था। जिस पर विचार करते हुए न्यायालय ने यह निर्देश दिया है।

याचिका में अधिवक्ता अग्रवाल ने बताया कि उच्च न्यायालय ने 2001 में दिल्ली सरकार और निगम‌ को अपने स्कूलों में हर शैक्षणिक सत्र शुरू होने के पहले दिन शिक्षकों के रिक्त पदों को शून्य करने यानी कोई पद खाली न रहे, का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक आदेश का पालन नहीं किया गया।

जानिए कितने पद है खाली

अधिवक्ता अग्रवाल ने अपनी याचिका में बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में 30 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं एवं नगर निगम के स्कूलों में 5 से 7 हजार पद खाली हैं। वहीं, मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी।

Topics: दिल्ली में सरकारी शिक्षक पददिल्ली हाईकोर्ट समाचारvacancies of teachers in delhigovernment teacher posts in delhidelhi high court newsदिल्ली समाचारDelhi Newsदिल्ली में शिक्षकों के रिक्त पद
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