भागलपुर में जदयू विधायक गोपाल मंडल के बेटे ने गोलियों की बरसात कर कइयों को किया घायल, तो राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने पटना में बिहार आर्य प्रतिनिधि सभा की संपत्ति पर कब्जा करने के लिए दिखाई दबंगई।
बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के विधायक ही ऐसी हरकतें कर रहे हैं, जिन्हें देखकर हर कोई कह रहा है कि राज्य में एक बार फिर से जंगलराज हो गया है। भागलपुर में जदयू के विधायक गोपाल मंडल के बेटे ने तो हद ही कर दी। मामूली सी जमीन को लेकर उसने गोलियों की बरसात कर दी। कई लोग घायल हैं और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। इस मामले को लेकर एक टीवी पत्रकार ने गोपाल मंडल से पूछा तो उन्होंने कहा कि वे जमीन के मामले सुलझाते रहते हैं। जो मान जाता है, तो ठीक, नहीं तो कहीं गोली भी चलानी पड़ती है। अब विधायक की इस भाषा को देखते हुए क्यों न कहा जाए कि बिहार में जंगलराज चल रहा है।
अब एक दूसरे विधायक की बात। ये राजद के हैं और इनका नाम है भाई वीरेंद्र। इन्होंने 10 दिसंबर को बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा के कार्यालय पर कब्जा करने की नीयत से तोड़फोड़ की। 11 दिसंबर को पुनः इनके लोगों ने सभा के कार्यालय एवं अतिथिशाला पर कब्जा करने का प्रयास किया। भाई वीरेंद्र ने पहली बार ऐसा नहीं किया है। जब भी राजद की सरकार बनती है, वे आर्य समाज की संपत्ति पर कब्जा करने का प्रयास करते हैं। 2017 में भी उन्होंने ऐसा किया था।
कहा जाता है कि भाई वीरेंद्र के पास बिहार सरकार द्वारा जारी एक पत्र है, जिसके दम पर वे ऐसी हरकत करते हैं। उनका कहना है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा के नियंत्रणाधीन संचालित अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों के संचालन का दायित्व उन्हें सौंपा है। नियमतः यह गलत है।
बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा एक निबंधित संस्था है। इस वर्ष निबंधन महानिरीक्षक ने संस्था के कागजात को अद्यतन भी किया है। 23 मई, 2022 के आदेश के अनुसार दीघा के विधायक डॉ. संजीव चौरसिया ही बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष हैं। इसके पहले भी संजीव चौरसिया को संस्था ने अध्यक्ष बनाया था। परंतु महागठबंधन की सरकार में सारे नियम-कायदे हाशिए पर रख दिए जाते हैं।
यह विवाद पुराना है। डॉ. संजीव चौरसिया ने बताया कि भाई वीरेंद्र ने कब्जे की नीयत से विवाद खड़ा किया है। बता दें कि बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा ने डॉ. संजीव चौरसिया को ही अपना अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसलिए 28 मई, 2022 को माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने डॉ. संजीव चौरसिया को आर्य प्रतिनिधि प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष के रूप में एक पत्र भेजा था। भाई वीरेंद्र ने इसे चुनौती देते हुए पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका, संख्या- CWJC/13329/2020-21 दायर की थी।
इसी बीच नीतीश कुमार के साथ राजद आ गया और सरकार बदल गई। सरकार बदलते ही राजद के नेता नियम—कायदों को ताक पर रखने लगे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि राजद के सरकार में शामिल होते ही भाई वीरेंद्र ने वर्तमान शिक्षा मंत्री के सहयोग से माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा स्वयं को अध्यक्ष घोषित करवा लिया। इसके बाद वे प्रतिनिधि सभा की संपत्ति पर कब्जा करने का प्रयास करने लगे हैं।
बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा आर्य समाज की विचारधारा को मानने वाले लोगों का संगठन है। भाई वीरेंद्र कभी भी आर्य समाजी नहीं रहे हैं। इसलिए यह सवाल उठता है कि वे आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष कैसे हो सकते हैं!
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