झारखंड में कुछ समय पहले कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की को अपनी विधायकी गंवानी पड़ी थी। अब एक और विधायक ममता देवी की भी विधायकी चली गई। उन्हें छह साल पुराने एक मामले में पांच साल की सजा हुई। लगातार अपने विधायकों के कम होने से कांग्रेस की राज्य इकाई परेशान है।
झारखंड के रामगढ़ से कांग्रेस की विधायक ममता देवी को गोला में हुए गोलीकांड को लेकर 5 वर्ष की सजा हुई है। हजारीबाग जिला न्यायाधीश चतुर्थ कुमार पवन की अदालत ने यह सजा सुनाई। बता दें कि रामगढ़ के गोला स्थित आईपीएल कंपनी को बंद कराने के लिए 20 अगस्त, 2016 को प्रदर्शन हुआ था। उस समय ममता देवी जिला पार्षद थीं। उन्हीं के नेतृत्व में नागरिक चेतना मंच के बैनर तले लगभग 200 की संख्या में ग्रामीण आईपीएल कंपनी को बंद कराने पहुंचे हुए थे। इसी क्रम में ग्रामीण उग्र हो गए थे। प्रदर्शनकारियों की तरफ से पुलिस पर ईंट पत्थर चलाए जाने लगे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पहले लाठी चलाई। उसके बाद भी भीड़ उग्र हो गई। पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी थी।
इस गोलीकांड में रामलखन महतो, पिता जानकी महतो, ग्राम बरियातु और दशरथ नायक, पिता भोला नायक, नावाडीह की मौत हो गयी थी। कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस गोलीकांड को लेकर गोला के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी दिनेश कुमार सुवरीन के आवेदन के आधार पर थाने में मामला दर्ज किया गया था। एक मामला गोला थाने में दर्ज हुआ, जिसकी संख्या है— 65/2016 । दूसरा मामला रजरप्पा थाने में दर्ज हुआ था, जिसका नंबर है—79/2016 । गोला थाने वाले मामले में इसी वर्ष 30 अगस्त को ममता देवी सहित आठ लोगों को 3 माह की सजा सुनाई गई थी। अब ममता देवी को कांड संख्या 79/2016 में हजारीबाग के एमपी एमएलए कोर्ट ने 13 दिसंबर को सजा सुनाई है।
ममता देवी के अलावा राजीव जायसवाल, मनोज पुज्जर, अभिषेक सोनी, बालेश्वर भगत, कुंवर महतो, जादू महतो, आदिल इनामी, दिलदार हुसैन, बासुदेव प्रसाद, सुभाष महतो, कुलेश्वर महतो को भी सजा हुई है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि गोला गोली कांड के बाद ममता देवी की लोकप्रियता में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई थी। उसी लोकप्रियता के आधार पर वह 2019 में विधायक बनीं। मृतकों को मुआवजा दिलाने के नाम पर 72 घंटे तक जबरदस्त राजनीति हुई थी। उस वक्त हेमंत सोरेन, कांग्रेस के सुखदेव भगत और वामदलों के कई नेता गोला पहुंचे थे।
रामगढ़ के समाजसेवी और किसान बेरोजगार संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय संयोजक पंकज कुमार महतो ने कहा कि न्यायालय ने न्याय तो कर दिया, लेकिन इस गोलीकांड में शहीद होने वाले स्वर्गीय राम लखन महतो और स्वर्गीय दशरथ नायक के परिवार के लोग आज भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। जो लोग 2016 में विपक्ष में थे, आज वही लोग सत्ता में हैं, लेकिन मृतकों के परिजन आज भी मुआवजे के इंतजार में हैं। न तो ममता देवी की ओर से उन्हें किसी प्रकार की मदद मिली और न ही राज्य सरकार ने कुछ किया। हालांकि मृतकों की मूर्तियां उनके गांव में जरूर लग गई हैं और हर वर्ष उन पर फूल माला भी चढ़ाई जाती है। लेकिन उनके परिवार के लोग आज भी हेमंत सरकार की ‘कृपा’ के इंतजार में हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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