ऑस्ट्रेलिया में पिछले दिनों कैनबरा में सुरक्षा अधिकारियों की एक विशेष बैठक में खालिस्तानियों पर लगाम कसने को लेकर चर्चा हुई थी। अधिकारियों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की थी कि उस देश में मौजूद खालिस्तानी तत्व भारत विरोधी दुष्प्रचार में क्यों लगे हुए हैं। इतना ही नहीं, तय हुआ था कि अब ऐसे तत्वों पर काबू करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। लेकिन इस बैठक के कुछ ही दिनों के अंदर मेलबर्न से एक चिंताजनक खबर आई है जो खालिस्तानी तत्वों के फिा से सिर उठाने की कोशिश को झलकाती है।
अभी हाल में मेलबर्न की सड़कों पर एक ट्रक घुमाया गया, जिस पर एक बड़ा सा पोस्टर लगा दिखा। इस पोस्टर पर भारत का नक्शा बना था और लिखा था ‘1984 सिख नरसंहार’। इसके दोनों तरफ लिखा था, “60 से ज्यादा मासूम लोगों को ब्राह्मण हिंदुओं की भीड़ ने जिंदा जलाया।” साफ है कि इसमें 1984 को भारत में हुए सिख विरोधी दंगों की असली गुनहगार मानी जाने वाली कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं को क्लीन चिट देते हुए हिन्दुओं और उनमें भी ब्राह्मणों को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया गया था। जबकि दुनिया जानती है कि उस वक्त केशधारी समुदाय को बचाने के लिए सहजधारी समाज के लोग ढाल बनकर खड़े हुए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि खालिस्तानी तत्व ब्रिटेन तथा कनाडा जैसे देशों में हिंदू विरोधी दुष्प्रचार फैलाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में भारत विरोध का अपना दुष्प्रचार करने में जुट गए हैं। ये तत्व 1984 के सिख नरसंहार में कांग्रेसियों पर उंगली उठाने की बजाय केवल हिंदू और उसमें भी ब्राह्मणों को दोषी ठहरा रहे हैं। इस दुष्प्रचार की सोशल मीडिया पर दिखीं तस्वीरों में ट्रक पर लगा पोस्टर और उसके साथ खड़े खालिस्तानी तत्व साफ देखे जा सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर में विक्टोरिया सिख गुरुद्वारा काउंसिल के नगर कीर्तन के दौरान खालिस्तान के झंडे, टीशर्ट तथा साहित्य बांटा गया था।
ऑस्ट्रेलिया हिंदू मीडिया ने अपने ट्विटर हैंडल से इस तस्वीर को साझा किया है। तस्वीर के साथ लिखा गया है कि ‘मेलबर्न में खालिस्तान की रैली के माध्यम से झूठी खबर फैलाकर खालिस्तान ऑस्ट्रेलिया के हिंदुओं के विरुद्ध नफरत बढ़ाने का काम कर रहा है। अगर तुम्हारा मकसद सही है तो फिर कार्यक्रम किसी आयोजक ने अपनी पहचान क्यों जाहिर नहीं की? इसमें तुम्हारे आदर्श भिंडरावाले की 20 हजार से अधिक हिंदुओं की हत्या में भूमिका का जिक्र क्यों नहीं है?’
मेलबर्न ही नहीं, कुछ दिनों से ऐसे समाचार मिलते रहे हैं जिनसे साफ होता है कि ये खालिस्तानी तत्व कई अन्य शहरों में भी ऐसी भारत और हिन्दू विरोधी हरकतें कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर में विक्टोरिया सिख गुरुद्वारा काउंसिल के नगर कीर्तन के दौरान खालिस्तान के झंडे, टीशर्ट तथा साहित्य बांटा गया था।
ऑस्ट्रेलिया के में ही कुछ दिन पहले गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कैनबरा में ‘जनमत संग्रह’ का मुद्दा उछाला था। पन्नू के बारे में कहा जाता है कि वह पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आईएसआई से पैसा खाकर भारत विरोधी हरकतों को अंजाम देता है। यही वह व्यक्ति है जो कनाडा और ब्रिटेन में हिंदूविरोधी दुष्प्रचार के पीछे माना जाता है। इसकी संस्था ‘सिख फॉर जस्टिस’ के ट्वीट जहर भरे होते हैं। इनमें आस्ट्रेलिया में ‘खालिस्तानी दबदबा बढ़ने’ के झूठ फैलाए जाते हैं।
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