श्रद्धा हत्या मामले में लापरवाही बरतने को लेकर दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने मानिकपुर और तुलिंज पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगया था। जिसके बाद मीरा भायंदर वसई विरार पुलिस के आलाअफसरों ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने ने इस मामले में निष्पक्ष जांच को लेकर एक डीसीपी स्तर के अफसर को पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी दी है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि अगर इस जांच में दोनों पुलिस थानों के अधिकारियों की लापरवाही सामने आती है, तो उन दोनों अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने अपनी बेटी की हत्या के मामले में शुरुआती जांच के दौरान इन दोनों अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था ।
सूत्रों के अनुसार दोनों अधिकारियों की मामले में लापरवाही बरतने की जांच को लेकर डीसीपी लेवल की विभागीय जांच की जा रही है। इस जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जो आरोप श्रद्धा के पिता ने इन दोनों अधिकारियो पर लगाए है, वह सही है या नहीं, और अगर इन दोनों अधिकारियों द्वारा जांच में लापरवाही का आरोप सही साबित होता है, तो मीरा भायंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस मुख्यालय के सूत्र के मुताबिक तुलिंज और मानिकपुर पुलिस थाने के दोनों आधिकारियों को सख्त सजा दी जाएगी।
मीरा भायंदर वसई विरार पुलिस के डीसीपी (मुख्यालय) प्रशांत गायकवाड़ ने बताया कि डीसीपी सुहास बावचे को इस मामले में विभागीय जांच करने के आदेश दिए गए है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि आफताब पूनावाला द्वारा पिटाई के बाद श्रद्धा वालकर सबसे पहले तुलिंज पुलिस स्टेशन आई थी, इस दौरान श्रद्धा बुरी तरह से जख्मी थी, उसका चेहरा सूजा हुआ था और उसके पूरे शरीर पर कई चोट और घाव के निशान थे।
बताया जा रहा है कि इसी के साथ-साथ आफताब पहले भी कई बार श्रद्धा को जान से मारने और उसके कई टुकड़े करके दूर फेंकने जैसी धमकी दे चुका था। जिसके बाद श्रद्धा ने नवंबर 2020 में तुलिंज पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी के साथ उसने अपनी जान के खतरे को लेकर थाने में एक लिखित शिकायत भी दी थी। शिकायत दर्ज कराने के बाद भी पुलिस द्वारा मामले में त्वरित कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं बताया ये भी जा रहा है कि श्रद्धा द्वारा दी गई शिकायत पर पूनावाला के परिजनों ने उससे शिकायत वापस लेने का दवाब बनाया था । जिसके बाद श्रद्धा ने अपनी लिखित शिकायत वापस ले ली थी।
डीसीपी स्तर की जांच में अधिकारी अब देखेंगे कि तुलिंज पुलिस द्वारा श्रद्धा की नवंबर 2020 की शिकायत को लेकर क्या कुछ कार्रवाई की गई थी, और क्या लापरवाही बरती गई थी। वहीं शुक्रवार को श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने भी तुलिंज और मानिकपुर पुलिस पर मामले में सही कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। विकास वालकर ने बताया कि उन्होंने मानिकपुर पुलिस से अगस्त माह के बीच श्रद्धा की गुमशुदगी को लेकर अपनी गुहार लगाई थी, लेकिन उन्हें थाने से निराश होकर लौटना पड़ा था। बाद में श्रद्धा के पिता ने फिर सितंबर माह में अपनी बेटी की तलाश को लेकर मानिकपुर पुलिस से संपर्क किया, लेकिन इस बार भी उनके हाथ निराशा ही लगी।
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