‘आपातकाल में मेरे पास से ‘पाञ्चजन्य’ बरामद हुआ’
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

‘आपातकाल में मेरे पास से ‘पाञ्चजन्य’ बरामद हुआ’

मुंबई संकल्प कार्यक्रम के समापन समारोह को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने संबोधित किया। उन्होंने मुंबई हमले में मारे गए लोगों और प्राण न्योछावर करने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को देश के लिए आवश्यक बताया

by दिनेश मानसेरा
Dec 10, 2022, 01:16 pm IST
in भारत, उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने ‘मुंबई संकल्प’ कार्यक्रम में मुंबई हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उस त्रासदी की पीड़ा केवल मुंबई की नहीं, पूरे भारत की है। कार्यक्रम के बाद उन्होंने दिनेश मानसेरा से हुई बातचीत में पाञ्चजन्य के साथ अपने अनुभवों को भी साझा किया

पाञ्चजन्य के मुंबई संकल्प कार्यक्रम के समापन समारोह को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने संबोधित किया। उन्होंने मुंबई हमले में मारे गए लोगों और प्राण न्योछावर करने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को देश के लिए आवश्यक बताया।

उन्होंने 26/11 के बलिदानियों और उन परिवारों को, जिन्होंने उस पीड़ा को सहन किया, उनके साथ अपनी संवेदना भी जताई। उन्होंने कहा कि वैसे तो पीड़ा केवल उन परिवारों की नहीं है, वह पीड़ा सारे भारतवासियों की है। दुनिया भर में जो भी शांति चाहता है, अमन चाहता है, ऐसे सब लोगों की पीड़ा है। मनुष्य की स्मृति कमजोर है, हम भूल जाते हैं। लेकिन हम उसको भूले नहीं। हम ऐसी घटनाओं को याद इसलिए नहीं करते कि हम कमजोर हैं।

हम ऐसी घटनाओं को इसलिए याद करते हैं कि देखो हमने उसका मुकाबला कैसे किया और आगे भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना हो ही नहीं, उसके लिए हम हर तरह से तैयार हैं। इसके लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम लोग यह संकल्प लेते हैं कि यह काम केवल सरकार का नहीं, जनता और सरकार, दोनों को मिलकर लड़ना होगा। यह संकल्प केवल मुंबई का संकल्प नहीं है, यह मुंबई के माध्यम से पूरे देश का संकल्प है।

मुम्बई संकल्प कार्यक्रम में उपस्थित छात्र और आमजन

संवाद का माध्यम पाञ्चजन्य
‘पाञ्चजन्य’ से बातचीत करते हुए कोश्यारी बताते हैं कि किस तरह वे पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, नैनीताल के सुदूर गांवों में ‘पाञ्चजन्य’ का प्रसार करते थे। श्री कोश्यारी बताते हैं कि ‘पाञ्चजन्य’ एकमात्र ऐसा माध्यम था जो हमारे संवाद साहित्य का काम करता था। जिससे भी मिलने गए वहां एक ‘पाञ्चजन्य’ छोड़ आए, ताकि वे पढ़ें और राष्ट्रीय विचारधारा से जुड़ जाएं। कोश्यारी बताते हैं कि जब-जब देश में बड़े आंदोलन हुए, तब-तब ‘पाञ्चजन्य’ ने शंखनाद किया।

आपातकाल में पाञ्चजन्य
आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने संघ पर प्रतिबंध लगाया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को जेल में डालना शुरू किया। जब मुझे गिरफ्तार करने पुलिस आई, तब मेरे कमरे की तलाशी ली। पुलिस ने तलाशी के दौरान दो बड़ी पुस्तकें अपने कब्जे में ले लीं। उन्होंने सोचा यह कोई रामायण या गीता ग्रंथ होगा, जबकि वह थी पाञ्चजन्य की फाइल।

मैं ‘पाञ्चजन्य’ की हर प्रति की एक फाइल बना कर रखता था, क्योंकि इसी से हमें अपनी विचारधारा और ऐसी सामग्री मिलती थी जो हमें संवाद में मदद करती थी। यह मेरा ‘पाञ्चजन्य’ के साथ दिल से लगाव था।

पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान मेरी ‘पाञ्चजन्य’ की फाइल को जब्त कर लिया और पुलिस कागजी कार्रवाई में यह दिखाया कि इनके पास से आपत्तिजनक साहित्य बरामद किया गया।

इस कारण से ‘पाञ्चजन्य’ से मेरे जीवन का एक भावुक रिश्ता रहा है। प्रथम संपादक श्रद्धेय अटल जी, उत्तराखंड के भी संस्थापक रहे। वचनेश त्रिपाठी जी, दीनानाथ मिश्र जी, देवेंद्र स्वरूप जी, बल्देव जी, तरुण जी सबसे मेरा व्यक्तिगत परिचय रहा और हमने उनसे बहुत कुछ अनुभव पाया है।

उत्तरांचल राज्य आंदोलन में पाञ्चजन्य
श्री कोश्यारी बताते हैं कि देश में जब आरक्षण आंदोलन चल रहा था, तभी पृथक पर्वतीय राज्य की परिकल्पना पर बात होने लगी। हमने उस दौरान ‘पाञ्चजन्य’ में उत्तरांचल राज्य की जरूरत पर कई लेख लिखे और भी बड़े नेताओं ने, सामाजिक संगठनों के बुद्धिजीवियों ने अपने विचार ‘पाञ्चजन्य’ के माध्यम से साझा किए और उत्तरांचल राज्य के लिए आंदोलन का विस्तार, वैचारिक दृष्टि से भी होने लगा। श्री कोश्यारी कहते हैं कि चूंकि मैं पत्रकार भी रहा, इसलिए मेरे लिखे को ‘पाञ्चजन्य’ में स्थान भी प्रमुखता से मिला और राज्य आंदोलन की धार पैनी करने में मदद मिली।

श्री रामजन्मभूमि आंदोलन में पाञ्चजन्य
राज्यपाल कोश्यारी बताते हैं कि श्री रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान ‘पाञ्चजन्य’ की इतनी मांग होती थी कि हम उसे पूरा नहीं करवा पाते थे। कारसेवकों पर जब मुलायम सरकार ने गोलियां चलवाई और जब ढांचा गिराया गया तब लोग देश के अखबारों में सबसे ज्यादा विश्वास ‘पाञ्चजन्य’ की खबरों पर करते थे। मुझे याद है कि लोग ‘पाञ्चजन्य’ के पन्नों की छायाप्रति करवा कर बांटते थे।

का बदला स्वरूप पाञ्चजन्य
कोश्यारी कहते हैं कि मैंने ‘पाञ्चजन्य’ को कुछ साल पहले जब नए स्वरूप में देखा, तो मुझे आत्मसंतुष्टि हुई। पत्रिका के रूप को हम पहले केवल विशेषांक के रूप में देखते थे। अब मानो हर सप्ताह विशेषांक आ रहा है। डिजिटल प्लेटफार्म, वेबसाइट, ट्वीटर, फेसबुक और अन्य माध्यमों से ‘पाञ्चजन्य’ का प्रचार-प्रसार हुआ है, इसे देख कर मुझे हार्दिक प्रसन्नता है।

Topics: पाञ्चजन्य26/11मुंबई संकल्पप्रथम संपादक श्रद्धेय अटल जीपर्वतीय राज्य की परिकल्पनाश्री रामजन्मभूमि आंदोलनमहाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

इंदौर में लव जिहाद का मामला सामने आया है

इंदौर पर गड़ी ‘जिहादी नजर’

मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से लाया गया भारत

तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण: आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय संकल्प की जीत

Tahawwur Hussain Rana Extradition Mumbai attack

तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण, 26/11 मुंबई हमले में वीर जवानों ने कैसे ऑपरेशन ब्लैक टारनेडो को दिया अंजाम

तहव्वुर राणा, मुंबई हमले का दोषी

तहव्वुर राणा के गुनाहों का हिसाब गिन-गिनकर लिया जाएगा, मुंबई 26/11 आतंकी हमले का दोषी लाया जा रहा भारत

राज कुमार भाटिया को प्रदान किया गया प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

राज कुमार भाटिया को मिला पहला प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

Panchjanya Manthan CM Yogi Aaditynath Sanatan Dharma

औरंगजेब पर सीएम योगी की खरी-खरी: विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन बंद करें नहीं तो संभल जैसा सच सामने आएगा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies